एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बायजूस (Byju’s) के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. कंपनी ने 1.2 अब डॉलर के कर्ज को लौटाने की शर्तों में बदलाव के लिए 3 अगस्त की तारीख फिक्स की थी, लेकिन 3 अगस्त तक शर्तों में बदलाव नहीं हो पाया है. ऐसा नहीं होने की वजह से कंपनी को कर्ज देने वाले उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. कंपनी और उसको कर्ज देने वालों के बीच जो फैसला हुआ था, उसके तहत कंपनी को कर्ज पर ज्यादा ब्याज चुकाने और कर्ज के कुछ हिस्से को लौटाने पर सहमति बननी थी और उसके लिए 3 अगस्त की तारीख तय की गई थी. लेकिन 3 अगस्त तक ऐसा नहीं हो पाया है. इस मामले में कंपनी को कर्जदार के नोटिस का सामना करना पड़ सकता है.
हालांकि इस मामले पर बायजूस की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि कंपनी और कर्जदारों के बीच 3 अगस्त की डेडलाइन फिक्स नहीं थी, कर्जदारों के साथ कर्ज लौटाने की शर्तों में बदलाव को लेकर बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है और जल्द ही कर्ज लौटाने की नई शर्तों पर डील फाइनल हो सकती है. बायजूस की तरफ से कहा गया है कि कर्जदारों के साथ बैठक अगले हफ्ते होने जा रही है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बायजूस पहले भी कई बार कर्ज लौटाने की शर्तों को डेडलाइन पर घोषित करने से असफल रही है.
बता दें बायजूज ने टर्म लोन बी (TLB) के माध्यम से विदेशी निवेशकों से 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया था. जिसके तहत कंपनी को लोन अवधि की समाप्ति तक उसे पैसा चुकाना पड़ता. मगर बायजूज के मामले में दिक्कत तब हुई जब कंपनी और लेंडर्स के बीच विवाद हो गया और उन्होंने कंपनी से अपना पैसा वापस मांगना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं लेंडर्स ने मई महीने में बायजूज के खिलाफ डेलवेयर कोर्ट में मामला भी दर्ज कराया. जिसमें आरोप लगाया गया कि कंपनी ने लेंडर्स से 50 करोड़ डॉलर की बात छिपाई है. इसके कुछ हफ्ते बाद बायजूज ने भी न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में लेंडर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. साथ ही बायजूज ने 4 करोड़ डॉलर का ब्याज चुकाना भी बंद कर दिया, जिसके चलते विवाद और गहरा गया. इसी मसले को सुलझाने और लोन की शर्तों में बदलाव को लेकर दोनों के बीच बातचीत चल रही है.
बता दें एक समय एडटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) सबसे मूल्यवान भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में से एक थी, लेकिन पिछले कुछ समय से कंपनी को कई संकटों का सामना करना पड़ा है. एक तरफ जहां कंपनी के ऑडिटरों और बोर्ड के सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया. वहीं मनी-लॉन्ड्रिंग के चलते कार्यालयों में छापेमारी भी हुई. बायजूस इस समय ऋणदाताओं के साथ कानूनी लड़ाई लड़ने और नई पूंजी जुटाने में चुनौतियां का सामना कर रही है.