बाजार से अतिरिक्त नकदी को बाहर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कदम से अब बैंकों के पास नकदी घट गई है. नकदी की कमी के बीच बैंक अब अपनी पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपॉजिट (CDs) का सहारा ले रहे हैं.
18 अगस्त से लेकर 23 अगस्त के बीच बैंकों ने प्राइमरी मार्केट में कुल 21,470 करोड़ रुपए के जमा प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट ऑफ डिपोजिट्स) जारी किए हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि इस अवधि में जारी किए गए प्रमाणपत्र जुलाई में जारी 40,625 करोड़ रुपए के प्रमाणपत्र के आधे से भी ज्यादा है. दिलचस्प बात यह है कि जमा प्रमाणपत्र जारी करने वालों में निजी बैंक सबसे आगे हैं.
बैंक छोटी अवधि के लिए धन जुटाने हेतु जमा प्रमाणपत्र का इस्तेमाल करते हैं. ये एक प्रकार के शॉर्ट-टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट हैं. RBI ने 19 मई से 28 जुलाई के बीच जमा राशि पर 10 फीसदी इंक्रीमेंटल कैशल रिजर्व रेश्यो (ICRR) लागू किया है. इस वजह से बैंकों की 1.1 लाख करोड़ रुपए की पूंजी RBI के पास जमा हो गई है. अब केंद्रीय बैंक 8 सितंबर को इस फैसले की समीक्षा करेगा.
जानकारों का कहना है कि शॉर्ट टर्म के लिए ICRR लागू करने से बैंकिंग प्रणाली में नकदी की तंगी बढ़ रही है. अब अपनी जरूरत के लिए पूंजी जुटाने के लिए निजी और सरकारी दोनों बैंक जमा प्रमाणपत्र का सहारा ले रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 18 से 23 अगस्त के बीच प्राइमरी मार्केट में कुल 8,100 करोड़ रुपए के जमा प्रमाणपत्र जारी किए हैं.
वहीं पांच निजी बैंकों, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक ने इसी अवधि में कुल 13,370 करोड़ रुपए के जमा प्रमाणपत्र जारी किए हैं.