गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे त्योहार दस्तक देने को हैं, लेकिन कमजोर मानूसन के चलते ऑटोमोबाइल क्षेत्र को नुकसान हो सकता है. इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि इससे त्योहारी सीजन में होने वाली गाडि़यों की बिक्री प्रभावित हो सकती है. सितंबर में बारिश कम होने और उम्मीद से ज्यादा महंगाई दर होने की वजह से लोग त्योहारों पर कम खरीदारी कर सकते हैं. जबकि पहले अनुमान अच्छी बिक्री का था.
हाल ही में ओणम के दौरान हुई बिक्री के मुताबिक लोगों का रुझान प्रीमियम और उच्च-मध्यम श्रेणी की ओर ज्यादा देखने को मिला. इस दौरान कंपनियों की बिक्री पिछले साल की तुलना में 20% बढ़ी हुई दर्ज की गई. हालांकि एंट्री लेवल की गाडि़यों की बिक्री कुछ खास नहीं रहीं.
क्या कहते हैं इंडस्ट्री से जुड़े जानकार
इलेक्ट्रॉनिक कंपनी हायर इंडिया के अध्यक्ष के मुताबिक बारिश की कमी का असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और खाद्य महंगाई दर उम्मीद के मुताबिक कम नहीं हुई, ऐसे में केवल प्रीमियम उत्पादों की ही बिक्री 20-25% बढ़ी है, मगर प्रवेश स्तर के उत्पादों पर दबाव बना हुआ है, जो दिवाली तक बना रह सकता है.
भारत की सबसे बड़ी दोपहिया निर्माता, हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कहाना है कि एंट्री लेवल के वाहनों की रिकवरी में 1-2 महीने की देरी हो सकती है. लेकिन लॉन्ग टर्म में ये अभी भी मजबूत स्थिति में हैं. पिछले तीन वर्षों में कैपेक्स खर्च 20 लाख करोड़ रुपये रहा है.
अलनीनो से प्रभावित हुआ मानसून
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि अलनीनो की वजह से अगस्त में मानसून प्रभावित हुआ है. आंकड़ों के अनुसार, जून से 29 अगस्त तक भारत के 39% जिलों में कम बारिश हुई. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक भारत आठ वर्षों में सबसे कम मानसूनी बारिश हुई है.
ग्रामीण क्षेत्र में मांग कम
केयर रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण मांग कमजोर बनी हुई है. उच्च खाद्य महंगाई और कम आय के चलते दोहरे झटके लग रहे हैं. एफएमसीजी कंपनियों के तिमाही नतीजे भी ग्रामीण मांग में कमजोरी की पुष्टि करते हैं. बता दें त्योहारी सीजन में इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों की कंपनियों की बिक्री काफी ज्यादा होती है, जो वार्षिक बिक्री का 35-40% हिस्सा होता है.