गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध, कपास के निर्यात में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर मांग घटने की वजह से जून तिमाही के दौरान देश से कृषि निर्यात में करीब 15 फीसद की गिरावट आई है. जून तिमाही में देश से सिर्फ 6.23 अरब डॉलर का कृषि निर्यात हुआ है. बता दें कि पिछले साल सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी, जिस वजह से कृषि निर्यात घटा है. साथ में घरेलू स्तर पर कपास का उत्पादन घटने की वजह से भी निर्यात टूटा है. इसके अलावा सरकार ने हाल ही में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे भी निर्यात आंकड़ों में कमी आई है.
अनाज निर्यात में 25 फीसद की गिरावट
पिछले साल मई में गेहूं के निर्यात पर रोक की वजह से वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में अनाज निर्यात में 25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. इस दौरान कुल अनाज निर्यात 3.07 अरब डॉलर का रहा है. वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 1.07 अरब डॉलर का गेहूं निर्यात हुआ था, लेकिन उत्पादन में कमी की भरपाई के लिए पिछले साल मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सरकार के इस फैसले के बाद गेहूं की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है.
बासमती चावल का निर्यात 12.17 फीसद बढ़ा
वाणिज्यिक खुफिया एवं सांख्यिकी महानिदेशालय यानी (DGCI&S) के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में बासमती चावल का निर्यात 12.17 फीसद बढ़कर 1.2 अरब डॉलर दर्ज किया गया है, जबकि गैर-बासमती चावल का निर्यात 2.7 फीसद की मामूली गिरावट के साथ 1.53 अरब डॉलर का रहा है. अधिकारियों का कहना है कि पिछले महीने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाए जाने की वजह से आगामी तिमाहियों में गैर-बासमती चावल के निर्यात में गिरावट की आशंका है.
एपीडा के बास्केट में शामिल लाइवस्टॉक प्रोडक्ट जैसे मीट, डेयरी और पोल्ट्री के निर्यात में पहली तिमाही में 9.8 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है और इस दौरान 1.01 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था. अन्य प्रोसेस्ड फूड जिसमें मूंगफली और ग्वारगम शामिल है उनका निर्यात भी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मामूली गिरावट आई है और इस दौरान निर्यात का आंकड़ा 1.01 अरब डॉलर का रहा है. हालांकि ताजा फलों और सब्जियों का निर्यात वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 16 फीसद बढ़ कर 0.47 अरब डॉलर रहा है.