दुनिया में चौथी औद्योगिक क्रांति सेमीकंडक्टर की पीठ पर लद कर आएगी. इस क्रांति में चैंपियन बनने के लिए भारत अब अपना पूरा ध्यान चिप के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने पर लगा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हे कि देश के 300 कॉलेजों में सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने गुजरात में आयोजित हो रहे सेमीकॉन इंडिया 2023 कार्यक्रम में भारत में सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की.
सेमीकंडक्टर सभी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस का दिमाग होता है. माइक्रोवेव से लेकर मोबाइल फोन तक और ड्रोंस से लेकर ऑटोमोबाइल्स तक, सभी सेमीकंडक्टर के ही भरोसे हैं. इकोनॉमिक ग्रोथ, राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए टेक्नोलॉजी के विकास में सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण उपकरण है. यही वजह है कि दुनिया के तमाम देश सेमीकंडक्टर का चैंपियन बनने की होड़ कर रहे हैं.
चीन दुनिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर उपभोक्ता है. सस्ते और हल्के चिप बनाने में चीन एक प्रमुख देश भी है. लो-वैल्यू पैकेजिंग सेगमेंट में चीन के सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की प्रमुख हिस्सेदारी है. वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में अभी 47 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ अमेरिका वर्ल्ड लीडर है. इसके बाद साउथ कोरिया, जापान, यूरोप और ताईवान की हिस्सेदारी क्रमश: 20 फीसदी, 10 फीसदी, 10 फीसदी और 7 फीसदी है. वैश्विक बाजार में चीन की हिस्सेदारी 5 फीसदी है. भारत अभी इस लिस्ट में शामिल नहीं है.
माइक्रोन ग्लोबल मार्केट के लिए बनाएगी भारत में चिप
अमेरिका की माइक्रोन टेक्नोलॉजी गुजरात में चिप निर्माण संयंत्र लगाने जा रही है. माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मल्होत्रा ने कहा कि गुजरात संयंत्र में बनने वाली चिप को भारत के साथ ही साथ विदेशी बाजारों में बेचा जाएगा. यह भारत की पहली सेमीकंडक्टर इकाई है. गुजरात के इस चिप संयंत्र में करीब 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा.
एएमडी करेगा 40 करोड़ डॉलर का निवेश
प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनी एएमडी ने अगले पांच साल के दौरान भारत में 40 करोड़ डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है. कंपनी भारत में अपने रिसर्च, डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग ऑपरेशन का विस्तार करेगी. एएमडी दुनिया की सबसे बड़ी आरएंडी सुविधा के साथ बेंगलुरं में एक नया कैम्पस भी बनाएगी. यहां 3000 इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी. एएमडी ने सेमीकॉन इंडिया 2023 में कहा कि उसकी ये इकाई 2023 के अंत तक शुरू हो जाएगी.
वेदांता को मिला नया पार्टनर
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया कि भारत में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के लिए उन्होंने एक नया टेक्नोलॉजी पार्टनर खोज लिया है. नए पार्टनर के साथ गठजोड़ के लिए बातचीत चल रही है. अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सरकार देगी चिप निर्माण को प्रोत्साहन
भारत सरकार ने 2021 में चिप सेक्टर के लिए 10 अरब डॉलर (81,993 करोड़ रुपए) के प्रोत्साहन कार्यक्रम की घोषणा की है. इसके तहत भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण करने वाली कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. 2021 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 27.2 अरब डॉलर का था. इसमें सालाना आधार पर 19 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जा रही है. 2026 तक भारत के सेमीकंडक्टर बाजार के बढ़कर 64 अरब डॉलर के होने का अनुमान है. ये स्थिति तब है जब भारत में अभी चिप का निर्माण नहीं हो रहा है. चिप निर्माण शुरू होने के बाद इसमें और ज्यादा तेजी आएगी.
चीन को पछाड़ देगा भारत
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि चिप का स्थानीय निर्माण शुरू होने से भारत एक दशक में सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला में प्रमुख भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 10 साल में 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन के साथ वह उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार है, जिसे प्राप्त करने में चीन को 25-30 साल लगे और उसके बावजूद वह सफलता हासिल नहीं कर पाया.