एलएचबी कोच से लैस होंगी दिल्‍ली और जोधपुर के बीच चलने वाली ट्रेन

Linke Hofmann Busch कोच उत्तर पश्चिम रेलवे जल्‍द ही लोगों की सुविधा के लिए दिल्‍ली से जोधपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों में लगाने जा रहा है.

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बीकानेर से 7 नवंबर से 10 नवंबर तक और दादर से 8 नवंबर से 11 नवंबर तक 1 द्वितीय स्लीपर डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी

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अब ट्रेन में सफर के दौरान आपकी यात्रा और आरामदायक होने जा रही है. रेलवे जल्‍द ही दिल्‍ली से जोधपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों में एलएचबी (Linke Hofmann Busch) कोच लगाने जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे (North Western Railway) अब यात्रियों की यात्रा को सुखद, आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिहाज से ट्रेनों में एलएचबी (Linke Hofmann Busch) कोच लगाएगा. इन कोचों को बीकानेर, दिल्ली सराय रोहिल्ला और जोधपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों में लगाया जाएगा. इस महीने के आखिरी तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद ये ट्रेन पटरियों पर एलएचबी कोच से लैस होकर दौड़ती नजर आएंगी.

30 मार्च से होगी शुरुआत
उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-बीकानेर व जोधपुर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-जोधपुर स्पेशल ट्रेनें
गाड़ी संख्या 04740/04739, बीकानेर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-बीकानेर स्पेशल में बीकानेर से 30 मार्च से और दिल्ली सराय रोहिल्ला से 02 अप्रैल से एलएचबी (Linke Hofmann Busch) कोच लगाने जा रहा है.

इसके अलावा, गाड़ी संख्या 02464/02463, जोधपुर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-जोधपुर स्पेशल में जोधपुर से 31 मार्च से एवं दिल्ली सराय रोहिल्ला से भी 01 अप्रैल से एलएचबी कोच लगाये जा रहे है.

एचएचबी कोच होते हैं सुरक्षित
रेलवे की ओर से यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा मुहैया कराने के लिए जर्मनी टेक्नोलॉजी के एलएचबी कोच को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया जाता है जोकि दुर्घटना के वक्त बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त नहीं होते हैं. आमतौर पर मौजूदा समय में ट्रेनों में लगे हुए कन्वेंशनल कोच दुर्घटना के वक्त पूरी तरीके से ढेर हो जाते हैं जिसमें जान माल का नुकसान बहुत ज्यादा होता है.

एंटी क्‍लाइंबिंग फीचर से होते हैं लैस
एलएचबी कोच किसी दुर्घटना के वक्त एक दूसरे पर भी नहीं चढ़ते हैं. यह एंटी क्लाइंबिंग फीचर से लैस होते हैं. वहीं इनको आईसीएफ यानी कन्वेंशनल कोचों (Conventional Coaches) से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. यह वजन में भी काफी कम होते हैं. 1 एलएचबी कोच की कीमत भी काफी होती है. वहीं, इनके ट्रेन में लगने के बाद स्पीड भी 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाती है.

एचएचबी कोच की बढ़ाई जाएगी संख्‍या
रेलवे की ओर से आने वाले दिनों में ट्रेनों में एचएचबी कोच की संख्‍या बढ़ाई जाएगी. रेलवे की तैयारी इसे सभी ट्रेनों में लगाने की है. जिससे लोगों के सफर को सुरक्षित बनाने के साथ कोच में जगह भी बढ़ाई जा सके.

Published - March 10, 2021, 03:29 IST