बीएसई और एनएसई ने शेयरों के भाव में भारी उतार-चढ़ाव रोकने के लिए सर्विलांस प्रक्रिया शुरू की
Large Cap Equity Fund: भारतीय इक्विटी लार्ज-कैप, ELSS, मिड/स्मॉल-कैप फंड जून तक पांच वर्षों में अपने बेंचमार्क से कम प्रदर्शन करते नज़र आ रहे हैं.
टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 60,183.57 करोड़ रुपये बढ़कर 13,76,102.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो शीर्ष -10 फर्मों में सबसे बड़ा लाभार्थी बन गया.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने एम-कैप में 16,479.28 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 11,71,674.52 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई.
किसी कंपनी की टोटल मार्केट वैल्यू उस कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयरों की कीमत पर आधारित होती है और इसे ही उस कंपनी का मार्केट कैप कहा जाता है.
मिलन वैष्णव कहते हैं कि रियल्टी सेक्टर में गतिविधि देखी जा रही है. इसके साथ ही निवेशक प्रॉफिट बुकिंग के बारे में भी सोच सकते हैं.
Market Capitalization: मार्केट कैपिटलाइजेशन कंपनी के मौजूदा शेयर मूल्य और बकाया शेयरों की कुल संख्या के आधार पर कंपनी की वैल्यू बताता है.
PGIM Small-cap Fund: स्मॉलकैप में रिस्क है तो रिटर्न भी बड़ा रहने की उम्मीद रहती है. इस कैटेगरी ने पिछले 5 साल में औसतन 16.74% का रिटर्न दिया है
Flexi Cap Fund: यह कैटेगरी अपने फंड चुनने के लिए स्वतंत्र या फ्लैक्सिबल रहती है. ये एक ओपन एंडेड डायनेमिक इक्विटी स्कीम है.