Health Insurance: पॉलिसी लेते वक्त आपको कई बातों पर ध्यान देना चाहिए. मसलन, प्री-पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो आदि.
Retirement Planning: रिटायरमेंट प्लानिंग जैसे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट पर महंगाई का असर पड़ता है. एक दशक बाद आपके मौजूदा निवेश कम पड़ सकते हैं
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का उद्देश्य इंश्योर्ड व्यक्ति की मौत के केस में परिवार को फाइनेंशियल मदद देना है.
एक गलती है जो लोग करते हैं वह है रिस्क लेने से बचना और उनका इक्विटी में निवेश नहीं के बराबर है. लेकिन इक्विटी में निवेश न करना अपने आप में रिस्क है.
उम्र के इस मोड़ पर होने वाले मेडिकल खर्चों के लिए, महंगाई को मात देने के लिए, अचानक आए खर्च से निपटने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग जरूर होनी चाहिए.
NPS: अगर रिटायरमेंट के वक्त NPS में कुल जमा राशि 5 लाख रुपये से कम है तो निकासी पर 60% की कैपिंग को हटा दिया गया है.
एन्युटी प्लान के लिए ऑनलाइन विकल्प चुनते हैं तो आपको उपलब्ध योजनाओं की तुलना करने का मौका मिलता है और आप आसानी से शर्तों को पढ़ सकते हैं.
EPF: रूल 9D के मुताबिक इस फाइनेंशियल ईयर में आप प्रोविडेंट फंड के तहत दो अलग अलग अकाउंट्स को मैंटेन कर सकते हैं.
PM Kisan Mandhan Yojana: 60 साल की आयु पूर्ण होने पर प्रतिमाह 3000 रुपये की पेंशन धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी.
Retirement Fund: यदि आप अपने रिटायरमेंट के बाद के समय को अच्छे से बिताना चाहते हैं तो इन गलतियों से बचना चाहिए.