देश में कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं. जिसके चलते लाखों घर खरीदारों को अपने ड्रीम होम के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
रियल एस्टेट कंपनियां चाहती हैं कि बढ़ती लागत को रोकने के लिए सरकार दखल दे ताकि अफोर्डेबल हाउसिंग के टारगेट को झटका न लगे
वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ने और वर्क फ्रॉम ऑफिस शुरू होने के साथ कंपनियां ऑफिस स्पेस की तलाश में जुट गई हैं. इससे रीट्स को फायदा हो रहा है.
Real Estate: नाइट फैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल के शुरु के पहले नौ माह में आवासीय घरों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है.
बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), और पुणे के घरों की बिक्री में क्रमशः 11%, 27%, 35%, 20% और 22% का इजाफा हुआ.
ऑफिस सेगमेंट ने कुल PE प्रवाह का लगभग 33 प्रतिशत, यानि 59.1 करोड़ डॉलर और औद्योगिक एवं लोजिस्टिक्स क्षेत्र ने 30 प्रतिशत निवेश प्राप्त किया.
सोभा ने कहा कि त्योहारी सीजन आने और आने वाली तिमाहियों में हमारे नए लॉन्च के साथ हमें वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में गति बने रहने की उम्मीद है.
BSE रियल्टी इंडेक्स ने पिछले एक महीने में 25% से ज्यादा का रिटर्न दिया है, नियर टर्म में एक या दो महीने के लिए कुछ कंसोलिडेशन की संभावना है.
2021 की तीसरी तिमाही में सात शहरों में आवास की कीमतें 3% बढ़कर 5,760 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई, जो कि Q3, 2020 में 5,600 रुपये थी.
भारत में टॉप 10 लिस्टेड डेवलपर्स (ex-REIT) का कंसोलिडेट नेट डेट मार्च 2020 से जून 2021 के बीच 37% घटकर 27,400 करोड़ रुपये हो गया है.