कोर पोर्टफोलियो स्थिरता देने में मदद करता है. यह लंबी अवधि में पूंजी को बढ़ाता है. वहीं, सैटेलाइट पोर्टफोलियो अतिरिक्त 'रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न' देता है
इस स्कीम के जरिए भारतीय निवेशक नए उभरते सेक्टर की कंपनियों में निवेश कर पाएंगे जो भारत में मौजूद नहीं है जैसे कि रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस.
Floating Rate Bonds: बॉन्ड यील्ड अधिक होने की स्थिति में निवेशक FRB को पसंद करते हैं. निवेशक इसे सुरक्षात्मक निवेश विकल्प मानते हैं.
एक्टिव बनाम पैसिव इन्वेस्टिंग पर हमेशा से निवेशकों के बीच बहस रही है. मनी9 हेल्पलाइन में आनंद राठी के फिरोज अजीज ने ऐसे ही सवाओं के जवाब दिए.
नए निवेशक हों या पुराने, सभी को टार्गेट, रिस्क और उम्र को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो बैलेंस करना चाहिए, जिसमें पैसिव फंड काम आ सकते हैं.