अप्रैल महीना सैलरीड क्लास के लिए टैक्स प्लानिंग के लिहाज से काफी अहम है... इसी महीने आपको अपनी कंपनी को पसंद की टैक्स रिजीम के बारे में बताना होता है... इसके आधार पर ही आपकी सैलरी से TDS काटा जाता है… न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम में क्या है अंतर? किस तरह के सैलरीड क्लास के लिए कौन-सी रिजीम सही है? रिजीम चुनने से पहले कैसे करें टैक्स का कैलकुलेशन? जानें...
सरकार नई टैक्स व्यवस्था को क्यों खत्म कर सकती है और पुरानी कर प्रणाली में क्या बदलाव हो सकते हैं? ये सब जानिए मनी9 के खास शो में.
इंश्योरेंस समधान के शैलेश कुमार ने कहा कि मिस-सेलिंग कई तरह की हो सकती है. ये गलत जानकारी के आधार पर तैयार हुआ गलत कॉन्ट्रैक्ट हो सकती है.
Income tax regime: पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनने पर टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80C, सेक्शन 80D जैसी कई छूट मिलती हैं. हाउस रेंट अलाउंस, एलटीसी कैश वाउचर स्कीम में टैक्स एग्जेम्पशन का फायदा मिलता है.
Income Tax latest news: अगर आप कनफ्यूज हैं कि कौन सा टैक्स सिस्टम बेहतर है तो इसके लिए थोड़ी कैल्कुलेशन की जरूरत है. कैलकुलेशन के बाद जो टैक्स सिस्टम बेहतर लगे उसे चुने.