SIP म्यूचुअल फंड द्वारा डिजाइन किया गया एक विकल्प है, जिससे आप नियमित रूप से शेयर बाजार में एक छोटी राशि का निवेश कर सकते हैं.
Liquid Funds: मई में लिक्विड फंडे से पैसा निकाला गया है. अगर आपका निवेश भी इन फंड्स में है तो क्या बढ़ती निकासी से आपको चिंता होनी चाहिए?
एमवे इंडिया ने पोषण उत्पाद श्रेणी में वर्ष 2020 के दौरान दो अंकों में वृद्धि दर्ज की. यह उसकी कुल आय का 61 प्रतिशत है.
Momentum Investing: BSE और NSE ने मोमेंटम इंडेक्स लांच किए हैं. वहीं, म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए मोमेंटम फंड भी उपलब्ध हैं.
Mutual Fund Expense Ratio: एक्सपेंस रेश्यो ही यह तय करता है कि उस स्कीम में निवेश करना आपको सस्ता पड़ेगा या महंगा.
Finance and investment plan:इंवेस्टमेंट प्लान में तो आप बदलाव कर सकते हैं, लेकिन फाइनेंशियल पॉलिसी में ऐसा बदलाव मुश्किल है.
DE Risking: पॉर्टफोलियो मैनेजमेंट की थ्योरी के मुताबिक, लक्ष्य पूरा होने का वक्त नजदीक हो, तब डि-रिस्किंग प्रोसेज का पालन करना जरूरी होता है.
ज्यादा अहम ये है कि आप कितनी जल्दी निवेश की शुरुआत कर रहे हैं. इन्वेस्टमेंट T20 मैच है जिसमें अगर आप शुरुआती ओवर से ही रन बनाएंगे तभी फायदे में रहेंगे
Mutual Funds: जिसकी उम्र 18 साल से कम है, तो वह म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकता है. नाबालिग का एकमात्र खाताधारक होना आवश्यक है.
Value Funds: इस कैटेगरी के अधिक्तर फंड्स का फाइनेंशियल, हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी शेयरों में निवेश ज्यादा है. इन्होंने 5 साल में 14-17% तक के रिटर्न दिए हैं.