एक्टिव इन्वेस्टिंग में खरीद-बिक्री से जुड़े फैसले जल्दी लिए जाते हैं, जबकि पैसिव निवेश में चुने गए स्टॉक्स को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है.
Mutual Funds: फंड में निवेश कर भूल जाना समझदारी नहीं क्योंकि आप फिर तय नहीं कर पाएंगे कि आपका चुना फंड बाकियों से बेहतर है या नहीं
SIP or Lump Sum: SIP में निश्चित अंतराल में किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में लगातार पैसा डालते रहते हैं, Lump Sum में एकबार में पूरा निवेश कर देते हैं.
Retirement Mutual Funds: अक्सर रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स के कई वेरिएंट आते हैं, इनमें इक्विटी और डेट दोनों ऐसेट क्लास में ऐलोकेशन के मुताबिक वेरिएंट तय होते हैं.
कई म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) कंपनियां अपनी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन रिडेम्पशन की सुविधा उपलब्ध कराती हैं.
डेट फंड्स में Liquid Funds सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. ये ट्रेजरी बिल्स, गर्वमेंट सिक्योरिटीज जैसे शॉर्ट-टर्म इंस्टूमेंट्स में निवेश करते हैं.
इक्विटी आधारित स्कीमों में इन फंड्स को सबसे सुरक्षित माना जाता है. डेट फंड्स के मुकाबले इनमें ज्यादा बढ़िया टैक्स बेनेफिट्स भी मिलते हैं.
आदित्य बिड़ला सन लाइफ निफ्टी 50 ईक्वल वेट इंडेक्स फंड (ABSL Nifty 50 Equal Weight Index Fund) का NFO खुला है जिसमें 500 रुपये में भी निवेश शुरू किया जा सकता है.
PSU Stocks: सरकारी कंपनियों के शेयरों में आई हालिया तेजी आपको आकर्षित कर सकती है, लेकिन इनमें निवेश से पहले किन बातों का रखें ख्याल और निवेश के लिए CPSE ETF चुनें या PSU म्यूचुअल फंड?
mutual funds: म्यूचुअल फंड चुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है. युवा निवेशकों को बड़ा जोखिम उठाने में सक्षम होना चाहिए