Finance And Investment Plan: फाइनेंस प्लान और इंवेस्टमेंट प्लान एक ही नहीं है, वर्किंग प्रोफेशनल के लिए दोनों में अंतर समझना बेहद जरूरी है.
फाइनेंशियल प्लान (Finance Plan) से आपके लक्ष्य, रिटर्न और रिस्क का पता चल सकता है. वहीं इंवेस्टमेंट प्लान (Investment Plan) से आपको इस सफर का रास्ता मिलता है.
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर और फ्रीलांस फाइनेंस जर्नालिस्ट महेश त्रिवेदी के मुताबिक “आप वर्किंग प्रोफेशनल हैं, तो बेशक आपको बहुत सारी जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ता होगा.
इनमें से फाइनेंस एवं इंवेस्टमेंट प्लानिंग सबसे बड़ी चिंता है. लोग कई बार इन दोनों शब्दों का उपयोग एक दूसरे के स्थान पर करते हैं, लेकिन ये पता होना चाहिए कि ये दोनों समान नहीं हैं.
फाइनेंशियल प्लानिंग एक विचार है. वहीं, इंवेस्टमेंट प्लानिंग उस विचार को वास्तविक बनाने जैसा है”.
– फाइनेंशियल प्लान एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आप आकस्मिक परेशानियों का सामना करके अपने जीवन के निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करते हैं. इंवेस्टमेंट प्लान तो सिर्फ एक रास्ता है जो फाइनेंशियल प्लान को हासिल करने में मदद करता है.
– फाइनेंशियल प्लान बनाते वक्त आपको सारे खर्चे, इनकम, इंश्योरेंस, इंवेस्टमेंट इत्यादि को ध्यान में रखकर योजना बनानी चाहिए.
– इंवेस्टमेंट प्लान में आपको ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए रिस्क-कैपेसिटी और लक्ष्य के आधार पर एसेट क्लास को चुनना पड़ता है और रीबैलेंसिंग करना होता है. दूसरी ओर, फाइनेंशियल प्लानिंग में आपका लोन, निवेश, बीमा प्रीमियम, लायबिलिटी इंश्योरेंस और बहुत कुछ शामिल होता है.
– इंवेस्टमेंट प्लान में तो आप बदलाव कर सकते हैं, लेकिन फाइनेंशियल पॉलिसी में ऐसा बदलाव मुश्किल है. आप एक बार लक्ष्य फिक्स कर लेते हैं, तो जब तक आपके फाइनेंस में कोई महत्त्वपूर्ण बदलाव न हो तब तक आप इस लक्ष्य को बदल नहीं सकते.
– किसी व्यक्ति का फाइनेंशियल प्लान दूसरे व्यक्ति के लिए एक समान नहीं हो सकता. प्रत्येक व्यक्ति की आय, जोखिम लेने की क्षमता, जीवन के लक्ष्य अलग-अलग होते हैं.
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