टैक्स बचाने के लिए म्यूचुअल फंड्स के इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS काफी लोकप्रिय हैं. इनमें सिर्फ 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है.
एंट्री और एग्जिट लोड वो फीस है जिसे Mutual Fund कंपनी आपसे वसूलते हैं. इनके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए देखें ये वीडियो-
Mutual Fund निवेश में कम्पाउंडिंग की ताकत केवल निवेशकों के लिए नहीं है. कंपनियों की फीस भी इसी रफ्तार से बढ़ती है.
Mutual Fund मौजूदा बाजार के रुझानों के विपरीत जाकर निवेश करता है और उन शेयरों को खरीदता है जो वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं.
म्यूचुअल फंड की कुछ सीमाएं भी होती हैं. ऐसे में म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले इन्हें जानना जरूरी है.
MF: ऐसा पहली बार हुआ है जब म्यूचुअल फंड में SIP 10 हजार करोड़ रुपए के पार हो चुका है. एमएफ स्कीमों पर रीटेल निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है.
ITI Mutual Fund: आईटीआई म्यूचुअल फंड का यह NFO 18 अक्टूबर 2021 से खुल चुका है और निवेशक 01 नवंबर 2021 तक इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड का नेट फ्लो अगस्त के आंकड़ों के लगभग बराबर है जो सितंबर में 8,677.41 रुपए था. जबकि अगस्त 2021 में यह 8,666.68 करोड़ रुपए था.
कॉन्सेंट्रेशन रिस्क से बचने के लिए इक्विटी, डेट और गोल्ड जैसे विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना बहुत जरूरी है.
Aditya birla sun life: फार्मास्यूटिकल सेक्टर की ग्रोथ 2021 में 4.84 लाख करोड़ से बढ़कर 2030 तक 12.88 लाख करोड़ हो जाने का अनुमान है.