आरबीआई ने बैंकों व वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों से लिए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क को वापस करने को भी कहा है
बैंकों ने वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक 10.42 लाख करोड़ रुपए की कुल ऋण राशि बट्टे खाते में डाल दी है और खातों से महज 1.61 लाख करोड़ रुपए की राशि ही वसूल की है
रिजर्व बैंक ने ड्राफ्ट पर सभी भागीदारों से 28 नवंबर तक उनकी राय मांगी