श्रम और रोजगार मंत्रालय इन कोड्स को लागू करने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है.
वेतन संहिता 2019 में संसद द्वारा पारित की गई थी, जबकि सामाजिक सुरक्षा संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियों पर संहिता 2020 में पारित की गई थी.
ILO दूसरे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की कामकाजी परिस्थितियों और काम के घंटों के विश्लेषण के साथ भारत से मिले आंकड़ों की तुलना करेगा.
Labour Code: सरकार राजनीतिक कारणों से भी चारों कोड को लागू करने की इच्छुक नहीं है. मुख्य रूप से उप्र के चुनाव हैं जो 2022 में होने वाले हैं.
New Labour Code: इंडस्ट्री संगठनों ने सरकार से मांग की है कि वह नए लेबर कोड में भत्तों को सीटीसी के 50 फीसदी पर सीमित रखने से रियायत दे.