म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) की ओर से मैनेज किया जाता है. इसमें पैसा अलग-अलग एसेट में लगाया जाता है
जब भी आप किसी साल में एक से अधिक बार इंवेस्ट करते हैं तो उस पूरे इंवेस्टमेंट के वार्षिक रिटर्न को IRR कहते हैं.
ग्रोथ का विकल्प वैसे निवेशकों के लिए सही है, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं.
ITI Pharma and Healthcare Fund में कम से कम 5000 रुपये निवेश करना जरूरी है. उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश किया जा सकता है.
सेक्टर स्पेसिफिक फंड्स के पैसे को किसी खास सेक्टर जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग, माइनिंग इत्यादि या स्पेसिफिक सेगमेंट में निवेश किया जाता है.
मायनर बच्चे के नाम पर खोला जा सकता है. बच्चा ही अकाउंट होल्डर होगा. खिलौने, कपड़े से भी ज्यादा बढ़िया गिफ्ट हो सकता है बच्चों के नाम निवेश.
इंटरनेशनल फंड्स में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड के रिटर्न पर किसी भी अन्य डेट फंड पर मिलने वाले रिटर्न की तरह ही टैक्स लगता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश से किसी को दो प्रकार की इनकम होती है. पहली है डिविडेंड और दूसरी है कैपिटल गेंस/लॉस. दोनों मामलों में टैक्स अलग तरह से लगता है.
ओपेन एंडेड फंड या स्कीम का मतलब है कभी भी जरूरत के हिसाब से यूनिट को खरीद या बेच सकते है. इस तरह की योजनाओं की निश्चित अवधि नहीं होती है.
Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में आप किस मकसद से निवेश करना चाहते हैं इस बात को ध्यान रखते हुए म्यूचुअल फंड का चुनाव करें.