महिलाओं से जुड़ी कई तरह की मेडिकल समस्याओं को इंश्योरेंस में शामिल नहीं किया जाता है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले पॉलिसी को अच्छे से समझ लें
Health Insurance: बीमित राशि होने से चिकित्सा मुद्रास्फीति के किसी भी प्रभाव के बिना वित्तीय रूप से चिकित्सा जरूरतों को का ध्यान में रखा जाता है.
अगर पॉलिसी होल्डर स्वस्थ लाइफस्टाइल को ढाल रहा है, तो उस आधार पर डिस्काउंट मिल सकता है.
इंश्योरेंस कंपनियां नॉन-नेटवर्क हॉस्पिटल में भर्ती होने की कॉस्ट रिम्बर्स करती हैं, बशर्ते कि आपके पास सभी डॉक्युमेंट हों और केवल पूरी कॉस्ट का 70% तक
स्वास्थ्य बीमा कंपनियां अब आपको पहले से मौजूद कुछ गम्भीर बीमारियां होने पर भी बीमा कवरेज से मना नहीं कर सकतीं हैं.
Reliance OPD Cover: भारतीय औसतन चार हजार से 10 हजार रुपये तक सालाना आउटपेशेंट इलाज में खर्च कर देते हैं. नई योजना में ऐसे ही एक्सपेंस कवर होंगे
Insurance Portability: यह ऐसा प्रोसेस है जिसमें पॉलिसीहोल्डर बेनिफिट को खोए बिना इंश्योरेंस पॉलिसी को एक इंश्योरर से दूसरे में स्विच करता है.
आयकर नियमो के तहत जीवन बीमा के प्रीमियम पर कुल 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट हैं. हालांकि, जीएसटी भुगतान पर टैक्स छूट पॉलिसी के अनुसार अलग-अलग है.
ULIP इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस दोनों का कॉम्बिनेशन है. ULIP प्रीमियम के एक हिस्से का इस्तेमाल इंश्योरेंस का भुगतान करने के लिए किया जाता है.
आपकी नई बीमा पॉलिसी में ट्रांसफर हो जाएगा. पोर्टेबिलिटी का बड़ा लाभ यह है कि आप अपने मेडिकल खर्चो पर नियंत्रण रख पाते है.