बात ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों पर कोविड से जुड़े क्लेम भारी पड़ गए हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम लेने के ऐन वक्त पर गच्चा दे दिया या फिर बीमा कवर बढ़वाने के लिए लेना चाहते हैं नया बीमा.
हेल्थ बीमा का प्रीमियम भरने में अगर हो जाए देरी तो ग्रेस पीरियड से मिलेगी मदद. समझिए क्या होता है ग्रेस पीरियड? देखिए मनीज्ञान का ये खास वीडियो-
जब Health Insurance की सबसे ज्यादा जरूरत होगी तब पता चले कि पॉलिसी लैप्स हो गई है तो ऐसा बीमा किस काम का.
इस वीडियो में हम इन्हीं नुकसान की बात करेंगे और जानेंगे कि कैसे पॉलिसी को लैप्स होने से बचाया जाए.
Life Insurance Plan: यह आपके बाद के वर्षों में नियमित आय के साथ एक फंड को जोडने और सेवानिवृत्ति के बाद एक आरामदायक जीवन सुनिश्चित करने में मदद करेगा.
सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र में जिस प्रकार का इजाफा हो रहा है वह सही दिशा में जा रहा है. क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया जा रहा है.
इंश्योरेंस कंपनियां 25 से 40 फीसदी तक प्रीमियम बढ़ाने जा रही हैं. ये स्वास्थ्य और जीवन बीमा दोनों पर लागू होंगी. कंपनियों का खर्चा बढ़ा है.
हेल्थ इंश्योरेंस को खरीदने की तरह ही समय पर उसे रिन्यू कराना भी जरूरी है ताकि प्लान वैलिड रहे. आपको हर साल पॉलिसी को रिन्यू करने की जरूरत होती है.
हेल्थ इंश्योरेंस इलाज के खर्चे का कवरेज प्रदान करता है. कम उम्र में इसे कम लागत में खरीद सकते हैं, इसीलिए विशेषज्ञ इसे खरीदने का सुझाव देते हैं.