2018 में आर्थिक सर्वेक्षण ने एक रोचक आंकडा दिया था. कुल भरे गए जीएसटी रिटर्न में दस फीसदी से कम हिस्सा रखने वाली कंपनियां टैक्स देनदारी में लगभग 85
देश में GST का कितना कलेक्शन हुआ? म्यूचुअल फंड्स को नई स्कीम लॉन्च करने से आखिर क्यों रोका सेबी ने? नए ITR फॉर्म में अब आपको देनी होगी ये जानकारी
यह शायद पहला ऐसा मौका होगा जब देश के अधिकांश राज्यों के वित्त मंत्रालय एक ही चिंता में डूबे हुए हैं. जून में जीएसटी कंपन्सेशन खत्म हो गया.
नोटिस पीरियड के दिनों में काम करने के लिये कंपनी आपको पैसे का भुगतान करती है. तो एडवांस रुलिंग के मुताबिक इस रकम पर कंपनी को जीएसटी चुकाना होगा.
अगले साल जून से राज्य को मिलने वाला कम्पन्सेशन खत्म हो रहा है. ऐसे में सरकार यह अतिरिक्त संसाधन राज्यों को दे सकती है.
मैन्युफैक्चरिंग, सर्विजेज, GST, कार्ड पेमेंट, CVs, ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रिटेल उत्पादों की बिक्री से अर्थतंत्र में तेज सुधार होने की उम्मीद है.
यह भी संभावना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनावों तक अन्य राज्यों में भी कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.
अक्टूबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1,30,127 करोड़ रहा है. जिसमें CGST-23,861 करोड़ रुपये, SGST-30,421 करोड़ और IGST कलेक्शन 67,361 करोड़ रुपये रहा है.
Excise collection: सीजीए के आंकड़ों से पता चला कि संग्रह अप्रैल-सितंबर 2019 में 95,930 करोड़ रुपये के संग्रह से 79 प्रतिशत अधिक है.
GST: कैंटीन पर जीएसटी और कंपनियों को उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट ने इससे पहले भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी.