रेटिंग एजेंसी इक्रा 2021-22 के वास्तविक जीडीपी वृद्धि के अनुमान में बदलाव करते हुए उसे पहले के 8.5 प्रतिशत से बढ़ाकर नौ प्रतिशत कर दिया.
शहरी आबादी को सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन के माध्यम से भ्रामक और फर्जी सूचनाओं के तेजी से प्रसार की चुनौती का सामना करना पड़ा.
इन ब्रोकरेज हाउसेज ने भारत की ग्रोथ को घटाकर 10 फीसदी तक कर दिया है. नोमुरा ने ग्रोथ को पहले के 13.5 फीसदी से घटाकर 12.6 फीसदी कर लिया है.