अगर आप ऐसा निवेश साधन तलाश रहे हैं जिसमें पैसा लगाने पर अच्छा रिटर्न मिले और आपका टैक्स भी बचे तो आपके लिए ELSS एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
नई व्यवस्था में इस निवेश पर टैक्स में कोई लाभ नहीं मिलेगा लेकिन रिटर्न पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ELSS में फिक्स नहीं बल्कि बाजार के हिसाब से रिटर्न मिलता है. इसमें 3 साल का लॉक-इन है, जो दूसरे टैक्स बचाने वाले विकल्पों की तुलना में सबसे कम है.
आयकर विभाग की वेबसाइट पर टैक्स कैलकुलेटर की मदद से आप नई और पुरानी व्यवस्था में अपने टैक्स की गणना करके सही कर व्यवस्था चुन सकते हैं.
टैक्स सेविंग के लिए ईएलएलएस आकर्षक विकल्प है. इक्विटी से जुड़ी इस योजना में बेहतर रिटर्न की संभावना रहती है.
अक्सर यह देखा जाता है कि टैक्स बचाने के लिए लोग वित्त वर्ष के अंत में कई लोग धड़ाधड़ एक साथ कई ELSS में निवेश कर देते हैं. क्या यह सही रणनीति है?
टैक्स बचाने के लिए म्यूचुअल फंड्स के इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS काफी लोकप्रिय हैं. इनमें सिर्फ 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है.
ELSS कोई अन्य धारा 80सी निवेश की तुलना में अधिक तरल हैं, क्योंकि इनमें सिर्फ 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है.
PPF-ELSS: PPF और ELSS दो अलग तरह के निवेश हैं. दोनों की तुलना करना मुश्किल है, लेकिन इनमें निवेश करने की सही रणनीति आपके लिए फायदेमंद हो सकती है.
फाइनेंशियल ईयर के अंत से पहले टैक्स बचाने के तरीकों की तलाश कर रहे सीनियर सिटीजन को सलाह दी जाती है कि वो किसी भी लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट से बचें.