इतने खराब हालात के बीच महंगाई भी बढ़ने लगी है और आम आदमी की जेब में बची-खुची रकम इसके चलते खत्म हो रही है.
Wholesale Inflation: मार्च महीने में WPI 7.39 फीसदी पर थी जबकि अप्रैल 2020 के दौरान WPI माइनस 1.57 फीसदी पर रही थी
Inflation: अप्रैल में CPI रिजर्व बैंक के तय दायरे में ही रही है. महंगाई के आधार पर ही RBI मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी में नीतियों पर फैसला लेता है.
Inflation: महंगाई को नजर में रखते हुए ही RBI रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट का फैसला लेता है जिससे आपकी EMI पर असर पड़ता है.
Deposit Rates: रिटेल महंगाई बढ़कर 5% पर पहुंच गई है. आकलन करें तो जानेंगे कि जमाकर्ता को महंगाई के मुकाबले कोई खास रिटर्न मिल नहीं रहा
Economic Recovery: अर्थव्यवस्था की जरूरत है कि लोग काम करने के लिए बाहर निकलें, वैक्सीनेशन ड्राइव में विस्तार करने से इकोनॉमी भी मजबूत होगी
CPI: फरवरी में खाद्य महंगाई में दोगुनी बढ़त दर्ज की गई है. खाद्य महंगाई जनवरी के 1.96 फीसदी से बढ़कर फरवरी में 3.87 पर आई है.
CPI: जनवरी में रिटेल महंगाई नरम होकर 4.06 प्रतिशत पर आ गयी. इसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में कमी आना है.