यदि आप केवल इक्विटी में निवेश करते हैं, तो आप इसके बजाय ज्यादा क्वालिटी वाले डेट फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.
बैंक या पोस्ट ऑफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग FD से आप निवेश के वक्त सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित विकल्प है.
माइक्रो SIP इंडिविजुअल्स, NRI, माइनर भी खोल सकते हैं. माइक्रो SIP के लिए HUF या दूसरी कैटिगरी के इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को छूट नहीं है.
Invest in Ultra Short Term Fund: अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंडों की तुलना में लिक्विड फंड में जोखिम बहुत कम है.
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड उन लोगों के लिए हैं जिनकी रिस्क कैपेसिटी कम है और नजरिया लंबे समय का है. ये फंड बेहतर रिटर्न में मदद कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं. आप ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं या फिर डिस्ट्रीब्यूटर के जरिये भी इनमें निवेश किया जा सकता है.
म्यूचुअल फंड में आपने निवेश किया है तो उससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए. ये बातें संकते देती हैं कि आपका म्यूचुअल फंड किस दिशा में जा रहा है.
एक म्यूचुअल फंड निवेशक के तौर पर आपभी ये चाहेंगे कि पोर्टफोलियो में भी एसी कलरफुल स्कीम शामिल हों जो आपके जीवन में खुशियों के रंग भर सके.
सेक्टर-आधारित और थीम-आधारित फंड निवेशकों के लिए उपलब्ध एक तरह के इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं. ये खास थीम या सेक्टर में निवेश करती हैं.
Solution Oriented Mutual Fund: ये म्यूचुअल फंड्स की एक कैटेगरी है. इन फंड्स को रिटायरमेंट प्लानिंग, शिक्षा आदि के लिए डिजाइन किया जाता है.