अस्पताल के बिलों के एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान करने की सहमति देने पर आपको हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को कम करने का ऑप्शन देता है.
कस्टमर की ओर से बताई सभी जानकारी और चिकित्सा जांच के दौरान मिली जानकारी में थोड़ा भी फर्क आता है तो पोर्ट रिक्वेस्ट को अस्वीकार किया जा सकता है.
जब आप अस्पताल में एडमिट होने का प्लान बना रहे हैं तो एडवांस क्लेम की सूचना देनी होगी. इमरजेंसी में टीपीए या बीमा कंपनी को तुरंत सूचना दी जानी होगी
Health Insurance Ideas: बीमा योजना में केवल अस्पताल के खर्चे भर शामिल नहीं होने चाहिए. आउटपेशेंट कंसल्टेशन और जांच को भी इसका हिस्सा होना चाहिए
Health Insurance Tips: रीटेल हेल्थ इंश्योरेंस वेटिंग पीरियड में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए कवर नहीं देते. ऐसे में ग्रुप इंश्योरेंस काम आ सकते हैं
पॉलिसी खरीदने के बाद से लेकर जब तक आप बीमा कंपनी से कोई लाभ का क्लेम नहीं कर सकते, उस अवधि को एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का वेटिंग पीरियड कहा जाता है.
अपनी बचत में से इलाज का खर्च उठाने की बजाए या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में नया कवर लेने की जगह, आप रेस्टोरेशन के फायदे उठा सकते हैं.
कई बार व्यक्ति के अचानक बीमार पड़ने पर उसकी बचत का काफी हिस्सा खर्च हो जाता है इसलिए हर व्यक्ति को मेडिक्लेम लेना चाहिए.
पारंपरिक बीमा योजनाएं प्रति वर्ष 4-6% की औसत रिटर्न प्रदान करती हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर में 15% से कम नहीं है.
आमतौर पर हेल्थ पॉलिसी को लेकर सबसे बड़ी गलतफहमी यही होती है कि कम उम्र के लोगों को इसकी जरूरत नहीं है.