अगर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आपको बेहतर सर्विस नहीं दे रही है तो आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को दूसरी कंपनी में पोर्ट करा सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले ही जान लें कि कंपनी मौजूद बीमारी को कवर करेगी या नहीं.
किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में आपके पास एक हेल्थ इंश्योरेंस होना चाहिए. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी किसी भी मेडिकल इमरजेंसी को कवर करती है और इलाज के भारी-भरकम खर्च से राहत दिलाने में मदद करती है.कई बीमा देने वाले नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस दावा सुविधा देते हैं. […]
Health Insurance: पॉलिसी खरीदने का मतलब यह नहीं होता कि पॉलिसी खरीदने के पहले दिन से ही इंश्योरेंस कंपनी आपको कवर करने लगेगी.
Insurance Policy: पॉलिसी रिन्यू कराने की जिम्मेदारी इंश्योर्ड पक्ष की होती है. समय पर पॉलिसी रिन्यू नहीं कराने पर इनसे हाथ धोना पड़ता है.
Health Insurance: कंपनी बदलने के बावजूद ग्राहक को पिछली पॉलिसी की अवधि के दौरान पूरे किए गए वेटिंग पीरियड का क्रेडिट भी मिलता है.
Family Floater Plan:ज्यादातर फैमिली फ्लोटर पॉलिसी में दादा-दादी को कवर नहीं मिलता है. उसमें सिर्फ माता-पिता और बच्चों का कवरेज ही मिलता है
Health Insurance: इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDA के मुताबिक फैमिली फ्लोटर प्लान के साथ ही अन्य सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पोर्ट करने की सुविधा है.
ये प्लांस प्राइमेरी मेंबर की मृत्यु होने पर एक इनकम रिप्लेसमेंट के तौर पर काम करते हैं. आमतौर पर अगला सवाल यही होगा कि किसी को कितना कवरेज लेना चाहिए?
हेल्थ प्लांस में आमतौर पर एक साल का कॉन्ट्रैक्ट होता है और इसको हर साल रिन्यू कराना होता है. कुछ इंश्योरेंस कंपनियां (Insurance policy) इंश्योर्ड को उसकी पॉलिसी की एक्सपायरी के बारे में रिन्यूअल नोटिस भेजती हैं, लेकिन पॉलिसी रिन्यू कराने की जिम्मेदारी इंश्योर्ड पक्ष की होती है. समय पर पॉलिसी रिन्यू नहीं कराने पर […]