क्या महंगे डिपॉजिट की वजह से बढ़ गई है बैंकों की मुश्किल? बैकों के डिपॉजिट में क्यों घटी बचत की हिस्सेदारी? क्या FD पर ब्याज की दर और बढ़ने वाली है? क्या लंबे समय तक कर्ज सस्ता नहीं होगा? Money9 पर Money Central देखें और इन सवालों का जवाब जानें.
चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक कॉमर्शियल पेपर्स (सीपी) की संख्या भी बढ़ी है. इस दौरान 4.86 लाख करोड़ रुपये के कॉमर्शियल पेपर्स पत्र जारी किये गये
क्रेडिट रिस्क असेसमेंट पर आधारित डेट इंडेक्स फंड की काफी मांग थी लेकिन अब बाजार में हर घंटे हो रही बड़ी तेजी और मंदी से इसमें काफी परिवर्तन हो गया है.
Income: डिविडेंड को इनकम के अन्य सोर्स के रूप में क्लासीफाई किया जाता है. 5,000 रुपये से अधिक का डिविडेंड टैक्स डिडक्शन (TDS) के अधीन हैं.
अपना सारा पैसा सिर्फ इसलिए एक बैंक में न डालें क्योंकि इसे एक्सेस करना आसान होगा या फिर शाखा का समय सुविधाजनक है.
Bank Deposit: डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन द्वारा दिए जाने वाले किसी भी तरह के डिपॉजिट का इंश्योरेंस कवर 5 लाख रुपये तक है
एफडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को बताया है कि उन्हें किन-किन बैंकों के अकाउंट होल्डर्स को पैसे ट्रांसफर करने से पहले ध्यान रखना है.
बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले खाता धारक को अपने खाते और एठीएम को ऑपरेट करने के लिए केवाईसी अपडेट करने की जरूरत है.
Bank: बैंक ग्राहकों से कंप्लीट केवाईसी अपडेट करने के लिए कह रहे हैं. ऐसा नहीं करने पर आपका खाता बंद हो सकता है.
Bank Deposit: RBI ने रेपो रेट 4 प्रतिशत तय की है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत के आसपास है. अर्थव्यवस्था में रियल रेट माइनस 2 प्रतिशत है