WhatsApp ने सरकार पर ही ठोका केस, खटखटाया दिल्ली HC का दरवाजा

WhatsApp: प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था. ये वो प्लेटफॉर्म हैं जिनके रजिस्टर्ड यूजर्स 50 लाख से ज्यादा हैं.

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WhatsApp: व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया मध्यवर्ती नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसके तहत संदेश सेवाओं के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि किसी संदेश की शुरुआत किसने की.

यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जबकि नए आईटी नियमों के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों को अधिक से अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने की कवायद चल रही है.

सूत्रों के अनुसार व्हाट्सऐप ने हाल ही में लागू किए गए आईटी नियमों के खिलाफ 25 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके तहत उसके ऐप के जरिए भेजे गए संदेश की शुरुआत कहां से हुई, यह पता लगाना जरूरी होगा.

WhatsApp का बयान

संपर्क करने पर व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने की आवश्यकता, उन्हें व्हाट्सऐप पर भेजे गए हर एक संदेश का फिंगरप्रिंट रखने के लिए कहने के बराबर है.

प्रवक्ता ने कहा कि यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा.

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर में लगातार नागरिक समाज और विशेषज्ञों के साथ उन अनिवार्यताओं का विरोध कर रहे हैं, जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेंगे. इस बीच, हम लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से व्यावहारिक समाधानों पर भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे.’’

क्या है नई नीति?

नये सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में आएंगे और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी. इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी. इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं.

प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था. इस श्रेणी में उन मंचों को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है.

नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मध्यस्थ की स्थिति खोनी पड़ेगी. यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए दायित्वों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है. दूसरे शब्दों में, उन पर कार्रवाई की जा सकती है.

फेसबुक के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि कंपनी परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए काम कर रही है और इसका उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है.

सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि वह कुछ मुद्दों पर स्पष्टता को लेकर सरकार के लगातार संपर्क में है. फेसबुक के पास फोटो साझा करने का मंच इंस्टाग्राम भी है.

हालांकि, फेसबुक और गूगल दोनों ने मंगलवार तक अनुपालन के नए स्तर को पूरा करने के बारे में चीजें स्पष्ट नहीं की.

Published - May 26, 2021, 01:10 IST