Mother's Day: ऑनलाइन बैंकिंग से साइबर सिक्योरिटी तक, इन चीजों में अपनी मां की करें मदद

Mother's Day: कोविड के दौर में जब सब ऑनलाइन है तो अपनी मां के लिए इस साल ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर साइबर सिक्योरिटी से जुड़े पेंच समझाने का जिम्मा खुद उठाएं.

Digital Banking

आयोग ने इसके लिए ‘डिजिटल बैंक (Digital Bank) भारत के लिए लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव’ शीर्षक से जारी एक परिचर्चा पत्र में यह प्रस्ताव किया है

आयोग ने इसके लिए ‘डिजिटल बैंक (Digital Bank) भारत के लिए लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव’ शीर्षक से जारी एक परिचर्चा पत्र में यह प्रस्ताव किया है

Mother’s Day: महामारी वाले इस साल के देखते-देखते 4 महीने बीत चुके हैं. जनवरी और फरवरी जहां उम्मीदों वाली रही तो वहीं अप्रैल से दूसरी लहर का तांडव जारी है. मई महीने के दूसरे रविवार तक हम आ चुके हैं और इस वर्क फ्रॉम होम के कल्चर में कहीं भूल ना जाएं कि वर्क के साथ होम भी है. होम होने का अहसास इसलिए जरूरी है कि मदर्स डे जैसी छोटी-छोटी खुशियों की यादें बटोरने से आप चूक ना जाएं.

आपने कई प्लान बनाए होंगे, मां को सरप्राइज देने के या उनके लिए ये एक दिन खास बनाने का. लेकिन यही एक दिन है आपको ये भी याद दिलाने का कि कितना कुछ इस साल आप उनके लिए कर सकते हैं. कोविड के दौर में जब सब ऑनलाइन है तो अपनी मां के लिए इस साल ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर साइबर सिक्योरिटी से जुड़े पेंच समझाने का जिम्मा खुद उठाएं.

HerMoneyTalks की फाउंडर निसारी मानती हैं कि एल्डर सिटीजन में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ऑनलाइन बैंकिंग, पेमेंट ऐप्स, फिनटेक ऐप्स और साइबर सिक्योरिटी के प्रति रुचि कम देखने को मिलती है. रिटायर्ड लोगों में भी पुरुषों ने ऑनलाइन बैंकिंग और पेमेंट को अपनाया है लेकिन महिलाएं अभी भी इन जरूरतों के लिए अपने बच्चों पर निर्भर कर रही है. इसमें बदलाव की जरूरत है. एक वजह ये भी है कि महिलाओं की लाइफ एक्सपेक्टेंसी पुरुषों से ज्यादा है और उन्हें काफी समय तक अकेला रहना पड़ सकता है.

अपनी खुद के परिवार का उदाहरण देते हुए वे कहती हैं कि उनकी मां आसान पेमेंट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. परिवार में सीनियर महिलाओं में टेक्नोलॉजी के प्रति हिचकिचाहट है जिसे दूर करना होगा.

Mother’s Day: आप क्या कर सकते हैं?

बचपन में आपने हॉबी क्लास खूब अटेंड की होगी. लेकिन अब जरूरत है कि आप लगाएं अपने पेरेंट्स की वीकेंड क्लास – बैंकिंग में डिजिटल लिट्रेसी से लेकर साइबर सिक्योरिटी और ऑनलाइन पेमेंट से ऑनलाइन डिलिवरी की.

कॉन्टेक्टलेस इस दौर की जरूरत है और कोरोना के वजह से कभी भी आपके परिवार को आइसोलेशन का सामना करना पड़ सकता है. मान लीजिए अगर आपको ही आइसोलेशन में जाना पड़े तो जरूरी है कि आपकी मां खुद के लिए सामान डिलिवरी से लेकर बैंकिंग ट्रांजेक्शन आसानी से घर बैठे कर सकें.

अपनी मां के साथ बैठकर आप ऑनलाइन बैंकिंग की कस्टमर आईडी बनाएं, लॉग-इन करने से लेकर और उन्हें एक-एक स्टेप पर गाइड करें. इस सीढ़ी में उनका हाथ पकड़कर चढ़ाने की जिम्मेदारी आपकी है. ऑनलाइन लॉग-इन कर उन्हें बैंक स्टेटमेंट, पासबुक, कोई फंड ट्रांसफर करना जैसे आसान चीजों से शुरुआत करें.

ऑनलाइन पेमेंट में UPI सीखना आसान है. UPI पेमेंट के जरिए उन्हें घर के बिल से लेकर ग्रोसरी की दुकान का पेमेंट करना का स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस बताएं. साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ग्रोसरी से लेकर दवाओं तक की डिलिवरी की प्रक्रिया बताएं.

लेकिन इसके साथ ही उन्हें ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़े फ्रॉड कॉल और मैसेज की पहचान करना सिखाएं. क्यूआर कोड स्कैम से लेकर सिम स्वैप स्कैम और पेंशनर्स को इंश्योरेंस रीन्यू कराने के नाम पर आने वाले फ्रॉड कॉल की पहचान करने और उसकी शिकायत कैसे करें इसपर गाइड करें.

निसारी का सुझाव है कि इस पहल में बड़ी संस्थाओं को आगे आना होगा. उनका कहना है कि कई बैंक इस ओर कदम उठा रहे हैं. इस फाइनेंशियल इन्क्लूजन में अभी भी गैप है जिसे पूरा करने की जरूरत है. उनकी कंपनी भी ऐसी पहल के लिए किसी पार्टनर की तलाश में है.

Published - May 8, 2021, 08:22 IST