ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) को 184 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स नोटिस मिला है. कंपनी ने कहा है कि इसके खिलाफ वह उचित प्राधिकारी के सामने अपील दायर करेगा. कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में यह कहा है कि यह नोटिस कंपनी की विदेशी सहायक कंपनियों और शाखाओं द्वारा भारत के बाहर की गई बिक्री के आधार पर अक्टूबर 2014 से जून 2017 की अवधि के लिए सर्विस टैक्स का भुगतान न करने के लिए मिला है.
जोमैटो को पहले ‘कारण बताओ’ नोटिस
गौरतलब है कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो को पहले ‘कारण बताओ’ नोटिस भेजा गया था. इसके बाद, कंपनी ने इस पर अपना जवाब पेश किया. कंपनी ने कहा कि अपनी तरफ से हमने विस्तृत जानकारी दी थी लेकिन, जीएसटी विभाग ने उन पर गौर नहीं किया. और इसके बाद, कंपनी को 1 अप्रैल को दिल्ली केंद्रीय कर आयुक्त (Central Tax Commissioner) की तरफ से पारित नोटिस मिला.
कंपनी को अक्टूबर 2014 से जून 2017 की अवधि के लिए केंद्रीय कर आयुक्त की तरफ से एक नोटिस भेजा गया जिसमें जुर्माने के साथ 92,09,90,306 रुपये के सर्विस टैक्स की मांग की गई है. लेकिन कंपनी इससे सहमत नहीं है और कंपनी इसके खिलाफ उचित प्राधिकारी के समक्ष आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी. कंपनी का कहना है कि इस मामले में उसका पक्ष मजबूत है.
गुजरात से भी मिला पेनल्टी नोटिस
जोमैटो ने इससे पहले रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी थी कि कंपनी को गुजरात में जीएसटी डिपार्टमेंट से पेनल्टी नोटिस मिला है. यह नोटिस वित्त वर्ष 2018-19 के लिए था, जिसमें 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स डिमांड की गई थी. विभाग ने यह नोटिस रिटर्न और अकाउंट का ऑडिट करने के बाद भेजा था.
गौरतलब है कि जोमैटो देश में सबसे बड़ी ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी है. इसलिए बाजार में इसकी पकड़ काफी मजबूत है. शेयर बाजार में भी जोमैटो के शेयर (zomato share price) अपने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दे रहा है.