कई कर्मचारी कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. तरह-तरह के खर्चे लोगों का बजट बिगाड़ रहे हैं. महंगाई की मार के बीच टैक्स का बोझ परेशानी बढ़ा रहा है. ऐसे हालात में टैक्स से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी उन्हें राहत दिला सकती है.
आयकर कानून की कई धाराएं ऐसी हैं जो उनके टैक्स का बोझ हलका कर सकती हैं. जाने- अनजाने में कोई पॉलिसी ले रखी है, बच्चों की ट्यूशन फीस चुकाते हैं, होम लोन का भुगतान करते है तो आप टैक्स बचा सकते हैं, मगर इसके लिए ऐसे सेक्शंस के बारे में पता होना जरूरी है.
यदि आपने पुरानी टैक्स रिजीम को पसंद किया है तो सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा कमाई पर टैक्स चुकाना पड़ता है. लेकिन, आप कई माध्यमों में निवेश करके टैक्स से छुटकारा पा सकते हैं. आइए ऐसे ही कुछ सेक्शन के बारे में जानते हैंः
सबसे महत्वपूर्ण है सेक्शन 80C
80C के जरिए आप कुल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट पा सकते हैं. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं या निवेश से जुड़े कई विकल्प जैसे PPF, EPF, LIC प्रीमियम, ELSS, होम लोन पर चुकाए जा रहे मूलधन, प्रॉपर्टी की खरीदारी पर स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन के शुल्क, सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), यूलिप, 5 साल की टैक्स सेविंग FD, इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड पर डिडक्शन की राहत मिलती है. आप दो बच्चों की ट्यूशन फीस भी टैक्स में राहत के लिए दिखा सकते हैं.
सेक्शन 80CCC
80CCC में आपको एन्युइटी पेंशन प्लान में होने वाले पेमेंट पर डिडक्शन मिलता है. एन्युइटी से मिलने वाली पेंशन या एन्युइटी के सरेंडर पर मिलने वाली रकम टैक्सेबल होती है.
सेक्शन 80CCD(1)
इस सेक्शन में मिलने वाला अधिकतम डिडक्शन इस तरह से आकलित होता हैः (1) अगर टैक्सपेयर एंप्लॉयी है तो सैलरी का 10% या (2) सेल्फ एंप्लॉयड के मामले में ग्रॉस टोटल इनकम का 20%.
सेक्शन 80CCD (2)
एंप्लॉयर का योगदान बेसिक सैलरी के 10% तक डिडक्शन योग्य है. इसके साथ ही इसमें महंगाई भत्ता भी शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि निवेश पर यह छूट सभी टैक्स स्लैब में आने वाले करदाताओं को मिलती है.
सेक्शन 80CCD (1b)
NPS खाते में जमा कराई जाने वाली रकम पर अतिरिक्त 50,000 रुपये का डिडक्शन मिलता है. अटल पेंशन योजना में योगदान पर भी डिडक्शन मिलता है.
सेक्शन 80TTA
बैंक, कोऑपेरटिव सोसाइटी या पोस्ट ऑफिस में सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली इंटरेस्ट इनकम पर अधिकतम 10,000 रुपये के डिडक्शन को मंजूरी है. हालांकि, FD, RD या अन्य इंटरेस्ट इनकम को इसमें शामिल नहीं किया गया है.
सेक्शन 80GG
अगर एंप्लॉयी को HRA नहीं मिलता है तो उसे दिए जाने वाले घर के किराए पर इस डिडक्शन का फायदा मिलता है. यह डिडक्शन सभी इंडीविजुअल्स को मिलता है.
सेक्शन 80E
एजूकेशन लोन पर चुकाया जाने वाला ब्याज इस सेक्शन में आता है. यह लोन टैक्सपेयर अपने लिए, अपने साथी या बच्चों के लिए ले सकता है.
सेक्शन 80EE
लोन पास होने की तारीख पर अगर किसी के पास एक ही घर है तो उसे ब्याज पर डिडक्शन मिलता है. इस प्रॉपर्टी की वैल्यू 50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और होम लोन 35 लाख रुपये से कम होना चाहिए.
सेक्शन 80D
खुद, पति/पत्नी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम की रकम पर इस सेक्शन के तहत आप इनकम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं. इसमें टैक्स छूट के दायरे में 25,000 रुपये तक का प्रीमियम आता है.
पेरेंट्स के मेडिकल इंश्योरेंस के लिए आप अतिरिक्त 25,000 रुपये का क्लेम और कर सकते हैं. अगर पेरेंट्स 60 साल से ज्यादा के हैं तो ये डिडक्शन की रकम 50,000 रुपये होगी.
सेक्शन 80DD, 80DDB
सेक्शन 80DD के तहत दिव्यांग आश्रित रिश्तेदार के मेडिकल ट्रीटमेंट पर होने वाले खर्च को शामिल किया गया है. सेक्शन 80DDB के तहत सेल्फ या आश्रित रिश्तेदार के मेडिकल खर्च पर 40,000 रुपये तक या सीनियर सिटीजन के मामले में 60,000 रुपये तक के डिडक्शन की इजाजत है.
सेक्शन 80U
फिजिकल डिसेबिलिटी से जूझ रहे शख्स के लिए 75,000 रुपये तक के डिडक्शन की इजाजत है. अगर ये डिसेबिलिटी गंभीर है तो ये डिडक्शन 1,25,000 रुपये तक हो सकता है.
सेक्शन 80G
कई तरह के दान सेक्शन 80G के तहत 100% या 50% डिडक्शन के हकदार होते हैं. इनमें पीएम रिलीफ फंड, या सीएम रिलीफ फंड आते हैं.
सेक्शन 80GGC
इस क्लॉज से इंडीविजुअल टैक्सपेयर किसी भी राजनीतिक पार्टी या इलेक्टोरल ट्रस्ट को पैसे देकर डिडक्शन हासिल कर सकते हैं.
सेक्शन 80TTB
ये सेक्शन केंद्रीय बजट 2018 में जोड़ा गया था. इसमें सीनियर सिटीजंस को डिपॉजिट पर होने वाली इंटरेस्ट इनकम पर डिडक्शन मिलता है. इस तरह के डिडक्शन पर 50,000 रुपये तक डिडक्शन मिलता है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।