टैक्स व्यवस्था को लेकर लोगों की दुविधा खत्म नहीं हो पा रही है. टैक्सपेयर्स अब तक यह तय नहीं कर पा रहे कि उनके लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था बेहतर है या नई. दरअसल, पुरानी टैक्स व्यवस्था में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता था. इस रकम में जीवन बीमा का प्रीमियम, दो बच्चों की ट्यूशन फीस, पीपीएफ, एनएससी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) का निवेश और होमलोन की ईएमआई में मूलधन का हिस्सा शामिल होता है. खासकर करियर की शुरुआत करने वाले लोग ईएलएसएस में ज्यादा निवेश करते थे. अब नई टैक्स व्यवस्था में किसी भी निवेश पर कोई छूट का प्रावधान शामिल नहीं है. जाहिर है ईएलएसएस में निवेश घट जाएगा. ऐसे में क्या ईएलएसएस की चमक बरकरार रह पाएगी, यह एक बड़ा सवाल है.
कैसी है योजना?
ईएलएसएस एक म्यूचुअल फंड से जुड़ी योजना है. इस स्कीम में निवेश किया गया पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश किया जाता है. टैक्स में बचत के लिए यह सबसे अच्छी योजना मानी जाती है. निवेश की जिन योजनाओं में टैक्स में छूट मिलती है, उनमें ईएलएसएस ऐसा विकल्प है जिसकी मैच्योरिटी सबसे कम यानी तीन साल है. इस श्रेणी की प्रमुख योजनाओं ने पिछले तीन साल में 24 से 32 फीसद का सालाना रिटर्न दिया है जो निवेश जीवन बीमा और लघु बचत योजनाओं की तुलना में काफी बेहतर है. म्यूचुअल फंड के ईएलएसएस में एकमुश्त अथवा एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं. इस योजना में सालाना एक लाख रुपए तक रिटर्न टैक्स फ्री होती है. बाकी अन्य स्कीम के मुकाबले इसमें निवेश पर बेहतर रिटर्न की संभावनाएं रहती हैं.
कैसे करें निवेश?
ईएलएसएस में निवेश की प्रक्रिया एकदम आसान है. इस स्कीम में ऑनलाइन और ऑफलाइन यानी दोनों ही तरीके से निवेश कर सकते हैं. अगर आपको इस निवेश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो किसी म्यूचुअल फंड कंपनी के नजदीकी ऑफिस में जाकर इस बारे में पूछताछ करके निवेश कर सकते हैं. इस बारे में किसी म्यूचुअल फंड ब्रोकर की भी मदद ले सकते हैं. ग्रो व पेटीएम मनी जैसी कई ऐप में म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा दे रही हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं कि टैक्स सेविंग के लिए ईएलएसएस एक अच्छा विकल्प है. हालांकि टैक्स की नई व्यवस्था में इस निवेश पर टैक्स में कोई लाभ नहीं मिलेगा. इससे ईएलएसएस में निवेश निश्चित तौर पर घटेगा लेकिन रिटर्न पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कम जोखिम के साथ शेयर बाजार की तेजी का लाभ उठाने के लिए यह निवेश का अच्छा विकल्प है.