दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले विशाल थोड़े परेशान हैं, दरअसल नवंबर में उनकी शादी है और उनके दोस्त ने बताया कि गिफ्ट पर टैक्स देना होता है. विशाल की चिंता है कि शादी में फैमिली, रिश्तेदार और दोस्तों से महंगे-महंगे गिफ्ट मिलेंगे तो उस पर टैक्स भरना होगा. शादी में गिफ्टिंग का ट्रेंड थोड़ा बदला है. पहले लोग गिफ्ट में ज्यादातर कैश या ज्वेलरी देते हैं, लेकिन अब शेयर, FD और प्रॉपर्टी देने का चलन बढ़ रहा है. ऐसे में विशाल की चिंता लाजिमी है. शादी के तोहफों पर टैक्स के क्या नियम हैं? आइए जानते हैं.
शादी में चल और अचल दोनों तरह की संपत्ति गिफ्ट में दी जाती है. शेयर, फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD, म्यूचुअल फंड और ज्वेलरी चल जबकि जमीन, घर, फ्लैट आदि अचल संपत्ति में आते हैं. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत, एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपए से ज्यादा का गिफ्ट मिलने पर टैक्स देना होता है. हालांकि, ‘रिलेटिव’ की परिभाषा में आने वालों लोगों से कितनी भी कीमत और किसी भी तरह का गिफ्ट मिलने पर कोई टैक्स नहीं है. रिश्तेदार की परिभाषा में पति या पत्नी, भाई या बहन, माता या पिता, पति या पत्नी के माता-पिता समेत अन्य शामिल हैं.
इसका मतलब है कि विशाल को शादी के अलावा नॉर्मल दिनों में भी अगर ऐसे लोगों से शेयर, FD, म्यूचुअल फंड या कोई प्रॉपर्टी गिफ्ट में मिलती है, जिन्हें इनकम टैक्स कानून में ‘रिलेटिव’ माना गया है तो उस तोहफे पर विशाल को टैक्स नहीं देना पड़ेगा. अब बात रही दोस्तों या जान-पहचान वालों की. क्योंकि शादी में उनसे भी काफी गिफ्ट मिलते हैं.
इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, शादी एकमात्र ऐसा मौका है, जब व्यक्ति को कितना भी महंगा गिफ्ट मिले, गिफ्ट में कुछ भी चल या अचल संपत्ति मिले, उन्हें किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. शादी के अलावा दूसरे मौके जैसे सालगिरह, जन्मदिन या तीज-त्योहार पर गिफ्ट मिलता है तो टैक्स देना पड़ेगा. ऐसे में टैक्स दो ही कंडीशन में नहीं लगेगा. पहला- अगर एक फाइनेंशियल ईयर में मिले गिफ्ट्स की रकम 50 हजार से कम हो. दूसरा- या फिर ये गिफ्ट्स किसी करीबी रिश्तेदार से मिल रहा हो.
ये तो क्लियर है कि शादी पर विशाल या उनकी पत्नी को गिफ्ट में कुछ भी मिले. जिस किसी से यानी परिवार, रिश्तेदार या दोस्तों किसी से भी मिले. इन गिफ्ट्स पर उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा. विशाल को टैक्स तब देना होगा जब तोहफे से किसी तरह की कमाई होगी. इसे उदाहरण से समझते हैं.
मान लीजिए विशाल को अपने ससुर से गिफ्ट में एक घर मिला. जिसे उन्होंने किराए पर उठा दिया. यानी विशाल को उससे रेंटल इनकम हो रही है, इसे गिफ्ट से कमाई कहेंगे. किराए की इस कमाई पर विशाल को टैक्स भरना होगा. इसी तरह, अगर 5 लाख रुपए की एफडी गिफ्ट में मिलती है तो FD से मिला ब्याज विशाल के हाथ में टैक्सेबल होगा.
यही नहीं, अगर विशाल गिफ्ट में मिली प्रॉपर्टी, शेयर या म्यूचुअल फंड को बेचते हैं तो उन्हें कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. कैपिटल गेन टैक्स होल्डिंग पीरियड यानी संपत्ति कितने समय रखकर बेची गई है, इस पर निर्भर करेगा. अलग-अलग एसेट के लिए होल्डिंग पीरियड अलग-अलग हैं. मान लीजिए विशाल को नवंबर 2023 में घर मिला, जिसे उन्होंने साल 2027 में बेच दिया. घर बेचने से हुए मुनाफे को कैपिटल गेन माना जाएगा. होल्डिंग पीरियड उस दिन से जोड़ा जाएगा जब इस घर को असल में खरीदा गया था न कि गिफ्ट मिलने की तारीख से.
विशाल की तरह अगर आपकी भी शादी होने वाली है और आपको भी गिफ्ट की टेंशन सता रही है तो टेंशन न लें. शादी पर दूल्हा-दुल्हन को कितना भी महंगा गिफ्ट मिले उस पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. टैक्स तब लगेगा जब गिफ्ट से आपकी किसी तरह की कमाई होगी.