इनकम टैक्स रिटर्न भरने के कई बड़े फायदे

आमदनी भले ही कम हो लेकिन भरना चाहिए आईटीआर

इनकम टैक्स रिटर्न भरने के कई बड़े फायदे

इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी ITR फाइल करने का समय चल रहा है. अक्सर लोगों के मन में कंफ्यूजन रहती है कि जब उनकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं है तो क्या इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरना चाहिए. अगर आपकी कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो आपके लिए ITR भरना जरूरी नहीं है. हालांकि, ITR भरने में कोई बुराई भी नहीं है.

किसी फाइनेंशियल ईयर मान लीजिए FY 2022-23 में अगर आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट (Basic Exemption Limit) से कम है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य नहीं है. बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट व्यक्ति की ओर से चुनी गई इनकम टैक्स रिजिम पर डिपेंड करती है. ओल्ड टैक्स रिजिम (Old Tax Regime) में 60 साल से कम के व्यक्ति के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट ढाई लाख रुपए है. सीनियर सिटीजन के लिए यह लिमिट 3 लाख और सुपर सीनियर सिटीजन के लिए लिमिट 5 लाख रुपए है.

न्यू टैक्स रिजिम (New Tax Regime) की बात करें तो फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट यानी आयकर छूट की सीमा ढाई लाख रुपए है. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 से यह लिमिट बढ़ाकर तीन लाख रुपए की गई है.

क्या है Nil या Zero Return?
Nil या जीरो इनकम टैक्स रिटर्न आयकर विभाग (Income Tax Department) को यह दिखाने के लिए फाइल किया जाता है कि आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है और इसलिए साल के दौरान कोई टैक्स जमा नहीं किया गया है. निल रिटर्न (Nil Return) तब भरा जाता है जब आपकी इनकम 2.5 लाख रुपए की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम हो या जब रिबेट से कर देनदारी जीरो यानी शून्य हो जाए. ऐसे मामलों में फाइल होने वाले रिटर्न को Nil ITR माना जाएगा.

Nil ITR के फायदे?
आयकर कानून (Income Tax Act) के तहत, ढाई लाख रुपए से ऊपर आय होने पर ITR भरना जरूरी है. इससे कम इनकम (Income) होने पर रिटर्न (Return) भरना जरूरी तो नहीं है लेकिन समझदारी है क्योंकि इसके कई फायदे हैं.

1)- इनकम टैक्स रिटर्न आपकी कमाई का सरकारी प्रूफ है. अगर आपको कैश में सैलरी मिलती है तो हो सकता है आपके पास इसका प्रूफ नहीं हो. ऐसे में आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरकर कमाई का सरकारी प्रूफ दिखा सकते हैं.

2)- आईटीआर कई चीजों में काम आता है. सबसे ज्यादा लोन लेने में. होम लोन हो या पर्सनल लोन हो या कार लोन हर जगह बैंक आपसे कम से कम दो साल का आईटीआर मांगते हैं. क्रेडिट कार्ड के मामले में सैलरी स्लिप के साथ इनकम प्रूफ के तौर पर आईटीआर देना पड़ता है…

3)- टैक्‍स रिफंड क्‍लेम करने के लिए आप निल रिटर्न फाइल कर सकते हैं. बैंक या इम्प्लॉयर ने अगर आपका किसी तरह का TDS काटा है और आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम है तो निल रिटर्न फाइल करके रिफंड लिया जा सकता है.

4)- विदेश यात्रा के समय भी रिटर्न काम आता है. अगर आपको कनाडा, अमेरिका या किसी दूसरे देश जाना है तो आपको वीजा अप्लाई करना होता है. उस वक्त वीजा अधिकारी आपकी इनकम या नेटवर्थ का पता लगाने के लिए ITR मांगते हैं.

Published - July 11, 2023, 07:56 IST