Income Tax: गिफ्ट लेना किसे अच्छा नहीं लगता है. आपको ये भी लगता होगा कि गिफ्ट तो दूसरे द्वारा दिया जा रहा है और उसे लेने में क्या हर्ज है. लेकिन, आपको अब अपनी ये खुशफहमी छोड़ देनी चाहिए. क्योंकि, आपको मिलने वाला गिफ्ट आयकर विभाग के अधिकारियों की नजर में आ सकता है.
एक लिमिट से महंगे गिफ्ट पर आपको इनकम टैक्स भी देना पड़ सकता है. आयकर कानून के मुताबिक, अगर आपको 50,000 रुपये से ज्यादा का गिफ्ट दिया जाता है तो आपको उस पर टैक्स चुकाना होगा.
दूसरी ओर, ऐसा नहीं है कि सिर्फ गिफ्ट हासिल करने वाले को ही टैक्स चुकाना पड़ेगा. जो गिफ्ट दे रहा है उसे भी टैक्स देना पड़ सकता है और साथ ही उसे इसकी खरीदारी का जरिया भी बताना पड़ सकता है.
यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि गिफ्ट को लेकर आयकर विभाग का कानून और एक्सपर्ट क्या कहते हैं.
सीए सर्वेश वाजपेयी के मुताबिक, “अगर उपहार 50 हजार रुपये से ज्यादा का हुआ, तो यह इनकम टैक्स के दायरे में आएगा.”
आयकर कानून में यह भी प्रावधान है कि कुछ खास लोगों या रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट्स पर टैक्स देय नहीं होगा.
फिर भले ही वे गिफ्ट 50 हजार रुपये से ज्यादा के क्यों न हों. हालांकि, अगर विभाग जवाब मांगता है, तो उपहार लेने या देने वालों को उसका जरिया बताना होगा.
-भाई या बहन से मिला उपहार
-पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला उपहार
-पति या पत्नी से मिला उपहार
-माता-पिता के भाई या बहन से मिला उपहार
-पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला उपहार
-विरासत या वसीयत में मिला गिफ्ट या प्रॉपर्टी
-लोकल अथॉरिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला उपहार
-किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला उपहार
-सेक्शन 12A या 12AA के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला उपहार
हिंदु अविभाजित परिवार के मामले में किसी भी सदस्य से मिला उपहार
सीए आलोक अग्रवाल के मुताबिक, रिश्तेदारों की बात अलग हो सकती है, लेकिन औरों से लिया गया उपहार टैक्स के दायरे में आता है.
आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है. जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टैंप ड्यूटी 50 हजार रुपये से ज्यादा हो, चेक या कैश में मिली 50 हजार रुपये से ज्यादा की रकम, 50 हजार रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें, अचल संपत्ति के अलावा 50 हजार रुपये से ज्यादा की कोई भी प्रॉपर्टी आदि शामिल है.