फॉर्म 15G/15H को लेकर अभी भी है गफलत, यहां जानें कब और क्‍यों पड़ती है इनकी जरूरत

TDS: टीडीएस की कटौती न हो इसके लिए बैंक में फॉर्म 15G/15H जमा करना होता है. एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर निवेशकों को ही टैक्स चुकाना होता है

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जब काटा गया टैक्स आपके एक्चुअल payable टैक्स से मेल नहीं खाता है तो आप रिफंड की मांग कर सकते हैं

जब काटा गया टैक्स आपके एक्चुअल payable टैक्स से मेल नहीं खाता है तो आप रिफंड की मांग कर सकते हैं

टैक्‍स से जुड़े मुददों को लेकर आज भी कई लोग जागरूक नहीं हैं. कई लोगों को यह बहुत टेक्निकल लगता है. खासतौर पर फॉर्म 15G/15H को लेकर कई लोगों में गफलत बनी रहती है. लेकिन, परेशान होने की जरूरत नहीं है. हम यहां इसी पर जानकारी देंगे. दरअसल, टीडीएस (TDS) की कटौती न हो इसके लिए बैंक के पास फॉर्म 15G/15H जमा करना होता है. अगर आपने पिछले वित्‍तीय वर्ष में एफडी को लेकर ये फॉर्म जमा कर दिए हैं, तो भी इसे नया वित्‍त वर्ष शुरू होने पर जमा करना होता है. बैंक एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर निवेशकों को ही टैक्स चुकाना होता है और बैंक इस पर टीडीएस (TDS) लगाती है जिसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग के दौरान समायोजित किया जाता है.

फॉर्म 15G इन्‍हें भरना हाेता है
60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति या HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) या ट्रस्ट या अन्य असेसरी इस फॉर्म को भर सकते हैं.
केवल भारतीय निवासी भर सकते हैं.
स्थायी खाता संख्या (पैन) होनी चाहिए.
कुल आय पर टैक्स शून्य होना चाहिए.
फिक्स्ड डिपॉजिट से कुल ब्याज आय तय एग्जेंप्शन लिमिट के अंदर होनी चाहिए.

फॉर्म 15H इनके लिए जरूरी
60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले सीनियर सिटीजन इस फॉर्म को जमा करने के लिए पात्र हैं.
भारतीय निवासी होना जरूरी है.
स्थायी खाता संख्या (पैन) होना चाहिए.
कुल आय पर टैक्स शून्य होना चाहिए.
फिक्स्ड डिपॉजिट से कुल ब्याज आय तय एग्जेंप्शन लिमिट के अंदर होनी चाहिए.

सेल्फ-डिक्लेरेशन फॉर्म
फॉर्म 15जी या फॉर्म 15एच सेल्फ-डिक्लेरेशन फॉर्म हैं. इनमें कोई व्यक्ति बताता है कि उसकी आय टैक्सेबल लिमिट यानी कर लगने योग्य सीमा से कम है. इसलिए उसे टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाए.
फॉर्म जमा कर आप ब्याज या किराये जैसी आमदनी पर टीडीएस देने से बच सकते हैं. इन फॉर्म को पोस्ट ऑफिस, बैंक, कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियों या किराएदार आदि को देना पड़ता है.

40 हजार से अधिक ब्‍याज पर कटेगा टीडीएस
सीए आलोक अग्रवाल के मुताबिक, अगर बैंक एफडी पर आपको किसी एक वित्‍‍‍त वर्ष में 40,000 से अधिक की ब्याज आमदनी है, तो टीडीएस जरूर कटेगा, लेकिन अगर इनकम टैक्स के दायरे में नहीं हैं तो बैंक एफडी पर टीडीएस नहीं काटेगा. अगर बैंक FD कराया है, तो यह पहले ही पता कर लें कि बैंक इस जमा पर मिलने वाले ब्याज पर TDS न काटे. इसके लिए फार्म देना होगा.

वहीं, सीनियर सिटीजंस के मामले में सेविंग्स अकाउंट, FD/TD, को-ऑपरेटिव बैंकों, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में किए गए किसी भी तरह के डिपॉजिट से एक वित्त वर्ष में हासिल होने वाला 50,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री है। सीनियर सिटीजन को बैंक में फॉर्म 15H जमा करना होता है.

Published - April 24, 2021, 01:22 IST