TDS के नए नियम के मुताबिक अगर आपने पिछले दो साल का रिटर्न फाइल नहीं किया तो आपका डबल TDS कटेगा. इनकम टैक्स के सेक्शन 206 AB और 206 CCA के तहत ये नए नियम 1 जुलाई 2021 से लागूू हो रहे हैं. अगर 2020-21 में आपको किसी वेंडर को पैसे देने हैं तो अपके वेंडर को बताना होगा कि क्या उसने पिछले दो फाइनेंनशियल ईयर यानि 2018-19 और 2019-20 में रिटर्न फाइल किया या नहीं. अगर रिटर्न नहीं भरा तो जो भी TDS की देनदारी होगी उसका डबल देना होगा या फिर फ्लैट 5% की दर पर देना होगा – दोनों में से जो भी ज्यादा हो.
अगर किसी ने पिछले दो साल का रिटर्न नहीं भरा और 1-2 फीसदी के TDS के दायरे में आते थे तो उन्हें अब सीधा 5 फीसदी का TDS देना होगा.
टैक्स-स्पैनर (Taxspanner.com) के CEO और फाउंडर सुधीर कौशिक बताते हैं, “इसके जरिए सरकार इनकम टैक्स भरने वालों का दायरा बढ़ाना चाहती है. खासतौर पर वो लोग जिनपर 1%, 2%, 5% या 10% का TDS लगता है वो बस TDS चुकाकर टैक्स की देनदारी से बच जाते थे. लेकिन अब दोगुने TDS की मार से बचने के लिए वो रिटर्न भरेंगे. इसके अलावा बैंक FD पर अच्छा इंट्रस्ट कमाने वाले NRIs और HNI भी केवल TDS चुकाकर बड़ी टैक्स की देनदारी से बचते रहे हैं, उन्हें भी रिटर्न फाइलिंग के दायरे में लाया जाएगा.”
ऐसे समझें पूरा मामला
मान लीजिए एक कंपनी अपने कॉन्ट्रैक्टर रमेश को लगातार दो साल में 55 लाख रूपए का पेमेंट करती है. जिसपर TDS भी काटकर जमा किया. लेकिन रमेश ने इन दो सालों का अपना इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया. अब अगर तीसरे साल भी ये कंपनी रमेश को कॉन्ट्रैक्ट पर रखती है तो रमेश का दोगुना TDS कटेगा.
अभी तक पैन कार्ड (PAN Card) नहीं होने पर TDS ज्यादा कटता था लेकिन अब रिटर्न नहीं भरने पर भी TDS की देनदारी बढ़ जाएगी.
टैक्स एक्स्पर्ट गौरी चड्ढा मानती हैं, “सरकार जब कंप्लायांस में आसानी की बात करती है और इस तरह के बदलाव करती है तो TDS काटने वाले पर एक काम बढ़ा देती है. डिडक्टर को चेक करना होगा कि वेंडर या कॉन्ट्रैक्टर ने रिटर्न भरा है या नहीं. इस कदम से तुरंत लोगों के वर्किंग कैपिटल पर बुरा असर पड़ सकता है. अब छोटे कॉन्ट्रैक्टर्स, वेंडर को भी रिटर्न फाइल करने की आदत डालनी पड़ेगी. ”
वो लोग जिनकी TDS की देनदारी 50,000 रूपये से ज्यादा है उनके लिए ये अनिवार्य है कि वो इनकम टैक्स रिटर्न भरें.
सरकार का लक्ष्य साफ है कि टैक्सपेयर का बेस बढ़ाना है और इसमें कोई ऐसा गैप नहीं छूटे जिसमें लोग बिना रिटर्न फाइल किए काम चलाते रहें. उन लोगों को दिक्कत होने वाली है जिन्होंने FY 2018-19 और FY 2019- 20 में रिटर्न फायल नहीं किया और अब इस वित्त वर्ष उन्हें दोगुना TDS देना होगा.
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