वित्त वर्ष 2020-21 के लिए चुकाए गए टैक्स का रिफंड जल्द ही मिलने वाला है. आयकर विभाग ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर बताया कि 30 अप्रैल, 2024 तक करदाताओं को रिफंड भेज दिया जाएगा, नतीजतन टैक्सपेयर्स का इंतजार अब खत्म होने वाला है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग से जुड़ी जरूरी सूचना के लिए करदाताओं को नियमित रूप से अपना ईमेल जांचना चाहिए.
बता दें टैक्स रिफंड से जुड़ी जानकारी भी टैक्सपेयर्स को ईमेल के जरिए दी जाएगी. आयकर विभाग आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 143(1) के तहत एक सूचना नोटिस जारी करता है, ये एक करतादा की ओर से एक तय अवधि के अंदर सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीसी) में रिटर्न अनुरोध दाखिल करने के बाद भेजा जाता है. सूचना नोटिस का मतलब है कि करदाता की ओर से दायर आईटीआर सफलतापूर्वक सबमिट हो गया है. इसके बाद अगर रिफंड राशि बनती है तो इसे वापस किया जाता है. सीबीडीटी ने अपने नोटिस में कहा कि अगर कुछ तकनीकी मुद्दों या अन्य कारणों से एसेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए दाखिल रिटर्न को धारा 143 की उप-धारा (1) के तहत प्रोसेस्ड नहीं किया जा सका. ऐसे रिटर्न के निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं भेजी जा सकी.
विलंबित रिटर्न की समय सीमा
असेसमेंट ईयर 2021-22 (31 मार्च, 2022) तक, सीपीसी के लिए रिटर्न प्रोसेस करने की समय सीमा उस वित्तीय वर्ष के अंत से एक वर्ष थी, जिसमें आईटीआर दाखिल किया गया था. इसलिए, FY2020-21 के लिए, ITR दाखिल करने की समय सीमा 2021-22 थी. इसलिए, आयकर विभाग के लिए इस रिफंड को प्रोसेस करने की अंतिम समय सीमा इस तारीख से एक वर्ष थी, जो 31 मार्च, 2023 है.
संशोधित रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर जमा करने की समय सीमा 31 मार्च, 2024 को खत्म हो जाएगी. केंद्र ने 2022 में वित्त अधिनियम 2022 पेश किया. ये करदाताओं को संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देता है. ये ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए है जो उस वित्तीय वर्ष के लिए अपना आईटीआर दाखिल करने में चूक गए हो या आय की रिपोर्ट दाखिल न कर पाए हों. संशोधित आईटीआर उस मूल्यांकन वर्ष के अंत से 24 महीने (दो वर्ष) के भीतर दाखिल किया जा सकता है.