टैक्स मामलों में पारदर्शिता बरतने के लिए CBDT ने नए निर्देश जारी किए हैं. अब छानबीन के लिए पुरानी फाइलों को खोले जाने से पहले टैक्सपेयर्स(taxpayers) को इसके कारणों के बारे में बताया जाएगा. अगर किसी मामले में संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तभी ऐसे केसेज को दोबारा खोला जाएगा. ये जानकारी खुद सीबीडीटी चीफ पीसी मोदी ने शुक्रवार को दी.
एक इवेंट में इस बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय से हमारे पास ऐसी शिकायतें आ रही थीं. इसमें पाया गया कि कई टैक्सपेयर्स(taxpayers) इस बात से अंजान थे कि छानबीन के लिए उनकी फाइल को दोबारा क्यों खोला गया है. टैक्स मामलों को लेकर पारदर्शिता बरतने के लिए एक नया प्रोविजन बनाया गया है जिसमें टैक्सपेयर्स को उसकी फाइल खोले जाने के कारणों के बारे में बताया जाएगा. मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में टैक्स केसेज के रिओपनिंग की सीमा को 6 साल से घटाकर 3 साल कर दिया गया था. वहीं सीरियस टैक्स फ्राड मामलों में 50 लाख तक की धोखाधड़ी और 10 साल पुराने केसेज को खोलने की अनुमति होगी.
डिक्लेरेशन की बढ़ाई गई डेडलाइन विवाद से विश्वास स्कीम के तहत घोषण पत्र दाखिल करने की तारीख को सीबीडीटी ने बढा दिया है. अब इसे 28 फरवरी तक फाइल किया जा सकता है. वहीं विवादों के निपटारे के लिए किए जाने वाले सैटेलमेंट पेमेंट की तारीख 31 मार्च है. सीबीडीटी ने साफ किया कि इसमें किसी तरह का एक्सटेंशन आगे नहीं होगा क्योंकि इसे 28 फरवरी से पहले ही आगे बढाया जा चुका है. 31 जनवरी तक इस स्कीम के तहत 1.20 लाख आवेदकों ने विवाद निपटारे के लिए आवेदन किया है. इनमें 95 करोड के विवादित टैक्स अमाउंट भी शामिल हैं.
क्या है विवाद से विश्वास स्कीम ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत लंबित कर विवादों का समाधान किया जाता है. इस स्कीम के तहत करदाताओं को केवल विवादित टैक्स राशि का भुगतान करना होगा. उन्हें ब्याज और जुर्माने पर छूट मिलेगी. हालांकि इसके लिए शर्त यह होगी कि उन्हें 31 मार्च, 2021 तक इसका भुगतान करना होगा.
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