छोटी बचत योजना यानि कि स्मॉल सेविंग स्कीम जैसे की पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धी योजना, किसान विकास पत्र पर मिलने वाला ब्याज फिलहाल नहीं बदला है. पूरे वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020- मार्च 21 ) तक इसे बदला नहीं गया. ऐसे कयास थे कि नए वित्त वर्ष में सरकार ब्याज गिराने का कठोर कदम ले सकती है. RBI ने रेपो रेट को कई बार कम किया , बैंकों के FD हो या आपका होमलोन सभी ब्याज दरों ने नीचे का रुख रखा. कोविड शॉक में अर्थव्यवस्था दबाव में रही और महंगाई ने भी रिकार्ड तोड़ा. इन सबके बीच बकरे की मां कब तक खैर मनाती. बुधवार शाम जब स्मॉल सेविंग स्कीम के ब्याज गिराने की खबर आई तो ये जंगल में आग की तरह फैली, लेकिन गुरुवार की सुबह होते-होते ये आग बुझ भी गई. वित्त मंत्री निरमला सीतारमण ने फैसला वापस ले लिया.
तो अब आपको पुराने ब्याज ही मिलते रहेंगे. लेकिन, ध्यान रहें कि इसपर ब्याज हर तीन महीने में बदल सकता है. ये सरकार का अधिकार है. तो 31 जून 2021 तक तो अभी पुराना ब्याज ही बरकरार रहेगा. लेकिन, जुलाई के आगे क्या होगा इसका इंतज़ार ही करना होगा. लेकिन आखिर स्माल सेविंग स्कीम पर भारत के छोटू निवेशक क्यों फिदा है? वाइजइंवेस्ट एडवाइजर्स के CEO हेमंत रुस्तगी के मुताबिक, देश में बड़ी संख्या में लोग स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करते हैं क्योंकि उन्हें ये एक सुरक्षित निवेश लगता है जहां रिटर्न की गारंटी है. पूंजी को सुरक्षित रखना इतना ज़रूरी है कि पिछले 10 साल में इन पर ब्याज दर गिर रहें हैं तब भी लोग इससे निकलते नहीं हैं.
कम ब्याज के साथ-साथ इनका रिटर्न टैक्स-फ्री भी नहीं है. ऑप्टिमा मनी के पंकज मठपाल बताते हैं कि अगर सारी बचत योजना को देखें तो PPF और SSY को छोड़कर सभी स्कीम में TDS कटता है और इनकम टैक्स के 80C की छूट भी सब में नहीं मिलती. 40,000 से ज्यादा के ब्याज पर 10% TDS लगेगा और सीनियर सिटिजन को लिए 50,000 के ब्याज तक टैक्स नहीं लगता है. और इन स्कीम से जब आप पैसे विड्रॉ करेंगे तो ये आफकी इनकम में जुड़ेगा और अगर टैक्स की देनदारी बनेगी और स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा. अगर इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो बैंक/पोस्ट ऑफिस में टैक्स नहीं काटने के लिए फॉर्म 15 G/ 15 H भर सकते हैं.
स्मॉल सेविंग स्कीम ब्याज कितना टैक्स?
स्मॉल सेविंग स्कीम | ब्याज | कितना टैक्स? |
1 साल के टाइम डिपॉजिट | 5.5% | TDS कटेगा |
2 साल के टाइम डिपॉजिट | 5.5% | TDS कटेगा |
3 साल के टाइम डिपॉजिट | 5.5% | TDS कटेगा |
5 साल के टाइम डिपॉजिट | 6.7 % | TDS कटेगा
80 C के अंतर्गत भी छूट मिलती है |
5 साल के टाइम डिपॉजिट | 5.8% | TDS कटेगा
80 C के अंतर्गत भी छूट मिलती है |
सीनियर सिटीजन स्कीम | 7.4% | TDS कटेगा
80 C के अंतर्गत भी छूट मिलती है |
मंथली इनकम स्कीम | 6.6% | TDS कटेगा |
नेशनल सेंविग्स सर्टिफिकेट (NSC) | 6.8% | TDS कटेगा
80 C के अंतर्गत भी छूट मिलती है |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) | 7.1% | 80 C के अंतर्गत भी छूट मिलती है |
किसान विकास पत्र (KVP) | 6.9% ( 124 महीने की मैच्योरिटी) | TDS कटेगा |
सुकन्या समृद्धी योजना (SSY) | 7.6% | 80 C के अंतर्गत भी छूट मिलती है |
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट हेमंत रुस्तगी मानते हैं कि इन स्मॉल सेविंग स्कीम में अगर रियल रेट ऑफ रिटर्न देखें तो बढ़ती महंगाई और टैक्स लगने के बाद आप सालों बाद जब मैच्योरिटी की रकम निकालते हैं तो नुकसान रहता है. जबकि आप इक्विटी से जुड़े ऐसेट में निवेश करके स्मॉल सेविंग स्कीम के मुकाबले बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं.
पैसे सेफ रहें ये सब चाहते हैं लेकिन अगर पैसे हैं जिसकी आपको कुछ साल तक ज़रूरत नहीं पड़ेगी तो निवेश के नए विकल्प को भी जरूर परखें. स्मॉल सेविंग स्कीम पर मिलनेवाल ब्याज पर गाज कभी भी गिर सकती है.
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