हर साल लाखों लोग टैक्स बचाने की माथा-पच्ची में लगे रहते हैं. ऐसे समय में जब सरकार बचत को बढ़ावा देने के मूड में नजर नहीं आ रही है. जिसकी झलक हमें बजट 2023 में दिखी. 80C, NPS समेत निवेश को बढ़ावा देने वाले विकल्पों को लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ. ऐसे में लोगों के मन में NPS को लेकर भी सवाल उठने लाजिमी हैं. क्या टैक्स बचाने के लिए NPS में निवेश करना सही है? आइए जानते हैं…
NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम एक सरकारी रिटायरमेंट स्कीम है. 18 से ऊपर का कोई भी भारतीय यह खाता खुलवा सकता है. NPS में निवेश करके रिटायरमेंट प्लानिंग और टैक्स सेविंग दोनों काम साथ किए जा सकते हैं. 31 जनवरी 2023 तक, देश में NPS सब्सक्राइबर की संख्या 1 करोड़ 69 लाख 74 हजार 190 है. NPS में दो तरह के खाते होते हैं. टियर-1 खाते में लॉक-इन पीरियड होता है, लेकिन इसमें टैक्स बेनिफिट मिलता है. जबकि टियर-2 अकाउंट से आसानी से पैसे निकाले जा सकते हैं, लेकिन इसमें टैक्स छूट नहीं है.
NPS में निवेश पर टैक्स छूट
आयकर कानून के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत NPS में निवेश करने पर 50,000 रुपए की अतिरिक्त डिडक्शन मिलती है. यह कटौती सेक्शन 80C की छूट के ऊपर है. 80C के तहत, डेढ़ लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट है. आशीष जैसे कई लोग, जिनकी 80C की लिमिट EPF कंट्रीब्यूशन, बीमा पॉलिसी, PPF और बच्चे की ट्यूशन फीस से खत्म हो जाती है. उनके लिए NPS में निवेश करके कुल 2 लाख रुपए की रकम पर टैक्स बचाने का विकल्प खुला है.
NPS से निकासी पर टैक्स
रिटायरमेंट के वक्त या 60 वर्ष की आयु के बाद NPS में योगदान करने वाला व्यक्ति कुल जमा पैसे का 60 फीसदी निकाल सकता है. इस पर कोई टैक्स नहीं है. बाकी 40 फीसदी से एन्युटी यानी पेंशन प्लान खरीदना पड़ता है.. ये एन्युटी जब भी आपके हाथ में आती है तो पूरी तरह से टैक्सेबल होती है. बच्चे की पढ़ाई, शादी या घर खरीदने, बीमारी जैसे उद्देश्यों के लिए व्यक्ति अपने कंट्रीब्यूशन का 25 फीसदी तक आंशिक निकासी कर सकता है.
NPS पर रिटर्न का हिसाब
NPS में महंगाई और स्मॉल सेविंग स्कीम को मात देने वाला रिटर्न देने की क्षमता है. इसमें निवेशकों का पैसा इक्विटी, कॉरपोरेट डेट, सरकारी प्रतिभूति और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड में लगता है. एक्टिव च्वाइस ऑप्शन चुनकर खुद फैसला कर सकते हैं कि आप किस कैटेगरी में कितना निवेश चाहते हैं. जो लोग उम्र के साथ एसेट एलोकेशन में बदलाव चाहते हैं वो ऑटो च्वाइस ऑप्शन के साथ जा सकते हैं. निवेशक अपना पेंशन फंड मैनेजर भी चुन सकते हैं.
NPS के रिटर्न का हिसाब
मान लीजिए आशीष की उम्र 30 साल है. वह 60 साल की उम्र में रिटायर होंगे. अगर वह हर महीने NPS में 5,000 रुपए निवेश करते हैं तो 60 साल की उम्र में उनका कुल इन्वेस्टमेंट 18 लाख रुपए होगा. 10 फीसदी सालाना के अनुमानित रिटर्न से 60 साल पर उनके रिटायरमेंट कॉर्पस में करीब 1 करोड़ 14 लाख रुपए होंगे. जिसमें से 68.3 लाख रुपए उन्हें एकमुश्त टैक्स-फ्री मिलेगा. बाकी 45.5 लाख रुपए से एन्युटी लेने पर 6 फीसदी की दर से उन्हें 22,793 रुपए की अनुमानित पेंशन मिलेगी. (सोर्स- npstrust.org.in/)
इसी 5,000 रुपए महीने को अगर आशीष म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो 12 फीसदी सालाना के रिटर्न के हिसाब से 30 साल बाद उन्हें 1 करोड़ 76 लाख रुपए से ज्यादा मिलेंगे. इसमें निवेश की रकम 18 लाख और बाकी का 1 करोड़ 58 लाख रुपए रिटर्न मिलेगा. यानी NPS की तुलना में 60 लाख रुपए ज्यादा मिलेंगे. (सोर्स- SIP Calculator/Grow)
NPS में निवेश टैक्स भी बचाता है और बुढ़ापे में एकमुश्त पैसा तथा पेंशन भी देता है. इक्विटी मार्केट से जुड़ा होने कारण इसमें लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है. हालांकि, इसमें पैसे लंबे समय तक होल्ड रहते हैं. आप जब चाहें तब इन्हें निकाल नहीं सकते हैं. निवेश पर ज्यादा रिस्क नहीं लेने वालों के लिए भी NPS सही विकल्प हो सकता है. अपनी भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखकर NPS में निवेश करना चाहिए.
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