हर फाइनेंशियल ईयर के आखिरी कुछ महीनों में इनकम टैक्स (Income tax) के सेक्शन 80C (Section 80C) की खूब चर्चा होती है. लेकिन, क्या होता है सेक्शन 80C? क्यों होती है इतनी ज्यादा चर्चा? इसका आपसे क्या वास्ता है? आज इन सवालों के ही जवाब जानने की कोशिश करेंगे. सबसे पहले समझते हैं
1.क्या है सेक्शन 80 C?
इनकम टैक्स का सेक्शन 80C आपका टैक्स बचाता है. Income tax का ये सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला सेक्शन है. 1.50 लाख रुपए तक का डिडक्शन आपको मिलता है. डिडक्शन यानि कि आप 1.50 लाख रुपए का निवेश करें और अपनी टैक्सेबल इनकम से 1.50 लाख घटा लें. यानि अगर आपकी सालाना इनकम 10 लाख रुपए है तो केवल साढ़े आठ लाख पर ही टैक्स देना होगा.
2.कैसे मिलती है 80C की छूट?
Section 80C के तहत कुछ निवेश (Invest) और खर्चे (Spend) कर के छूट मिल सकती है. निवेश जैसे कि EPF, PPF , National Saving certififcate, SSY, Post office Time Deposit और खर्च जैसे कि लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, बच्चों के स्कूल की ट्यूशन फीस, ELSS, होम लोन का प्रिंसपल पेमेंट, NPS का कॉन्ट्रिब्यूशन. एक वित्त वर्ष में टैक्स बचाने के लिए 80सी में 1.5 लाख रुपए तक का निवेश किया जा सकता है.
3. 80C कैसे घटाएगा टैक्स?
अगर आपकी इनकम है 10 लाख रुपए सालाना है तो आपको साढ़े आठ लाख पर Income tax देना होगा. अगर 50,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को भी कम कर लें तो 8 लाख इनकम पर टैक्स बनता है 72,500 प्लस 4% सेस 2900 और एड कीजिए यानि कुल टैक्स 75400 रुपए. अब अगर आप केवल स्टैंडर्ड डिडक्शन लें और 10 लाख की इनकम 9.50 लाख है तो इसपर टैक्स बनता है 1,06,600 जिसपर सेस जुड़कर 1,10,864 रुपए हो जाएगा.
ऐसे समझिए- 80C कैसे घटाएगा टैक्स?
विवरण | टैक्स (पुराने स्लैब के हिसाब से) |
बेसिक+ DA | 3,88,600 रुपए |
टैक्सबेल अलाउंस | 6, 11,400 रुपए |
कुल सैलरी | 10,00,000 रुपए |
स्टैंडर्ड डिडक्शन | 50,000 रुपए |
टैक्सेबल इनकम | 9,50,000 रुपए |
सेक्शन 80C में छूट | 1,50,000 रुपए |
टैक्सेबल इनकम | 8,00,000 रुपए |
इनकम टैक्स | 72,500 रुपए |
सेस (4%) | 2900 रुपए |
कुल टैक्स देनदारी | 75400 रुपए |
बिना 80C के टैक्स?
विवरण | टैक्स (पुराने स्लैब के हिसाब से) |
बेसिक+ DA | 3,88,600 रुपए |
टैक्सबेल अलाउंस | 6, 11,400 रुपए |
कुल सैलरी | 10,00,000 रुपए |
स्टैंडर्ड डिडक्शन | 50,000 रुपए |
टैक्सेबल इनकम | 9,50,000 रुपए |
इनकम टैक्स | 1,06,600 रुपए |
सेस (4%) | 4264 रुपए |
कुल टैक्स देनदारी | 1,10,864 रुपए |
4. टैक्स छूट के लिए 31 मार्च तक निवेश जरूरी
अगर आप सेक्शन 80C (Section 80C) के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको वित्त वर्ष खत्म होने से पहले निवेश (Investment) करना होगा. अगर आप प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं तो यह काम आप जनवरी के पहले हफ्ते तक कर लें तो अच्छा रहेगा. कंपनियां हर साल जनवरी में पहले-दूसरे हफ्ते तक इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने को कहती हैं. इसकी वजह यह है कि वित्त वर्ष के बाकी तीन महीने TDS काटने का ऑप्शन खुला रखती हैं.
5. क्या निवेश का प्रूफ सबमिट करना होगा?
बिल्कुल, जनवरी के महीने में आपको अपने निवेश का प्रूफ (Investment proof) अपने एम्प्लॉयर को देना होता है. Income tax रिटर्न भरते वक्त कोई पेपर नहीं लगाना होता.