एक तरफ ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) पर टैक्स लगाने के जीएसटी काउंसिल (GST Council) के फैसले को लेकर गेमिंग कंपनियां विरोध कर रही हैं. वहीं दूसरी तरफ इससे सरकारी खजाने में भारी-भरकम रकम आने की संभावना जताई जा रही है. राजस्व सजिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ऑनलाइन गेम (Online Games) पर 28 फीसदी जीएसटी (GST) से सरकार को 15 से 20 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है. काउंसिल ने ऑनलाइन गेम में लगने वाले दांव (Bet) के फेस वैल्यू पर 28 फीसदी टैक्स लगाया है.
10 गुना बढ़ सकती है सरकार की कमाई इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में राजस्व सचिव ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में हमें 1,700 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था. अगर ऑनलाइन गेमिंग की डिमांड बनी रही तो अनुमान है कि इससे सरकारी खजाने में 10 गुना यानी 15 से 20 हजार करोड़ रुपए का सालाना राजस्व आएगा. अगर वास्तव में लोग ऑनलाइन गेम के आदी (Addict) हैं और डिमांड बनी रही तो सरकार का राजस्व बढ़ेगा. मौजूदा समय में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां प्रभावी रूप से सिर्फ 2 से 3 फीसदी टैक्स का भुगतान कर रही हैं. यह किसी भी मायने में ठीक नहीं हैं क्योंकि यह कुछ खाद्य पदार्थों पर लगने वाले 5 फीसदी के टैक्स से भी कम है.
गेमिंग कंपनियों ने जताया विरोध जीएसटी काउंसिल के 28 फीसदी जीएसटी के फैसले का गेमिंग कंपनियों विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और रोजगार (Employment) पर असर पड़ेगा. साथ ही, देश के बाहर काम कर रहे गैर-कानूनी प्लेटफॉर्म को फायदा मिलेगा. यह भी आशंका जताई गई है कि कई कंपनियां बाहर शिफ्ट हो सकती हैं.
विदेशी ई-गेमिंग कंपनियों पर सख्ती की तैयारी इस बीच, सरकार विदेशी ई-गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिए सख्त मानकों पर काम रही है. राजस्व सचिव ने कहा कि बिजनेस चाहे किसी भी लोकेशन पर हो, हमारी कोशिश टैक्स को प्रोटेक्ट करना होगा. इसके लिए कुछ उपाय हैं. हम देखेंगे कि इनका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. टीसीएस (Tax Collected at Source) उनमें से एक है. अगर हम ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की पहचान कर पाए तो पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर पर टीसीएस लगाया जा सकता है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्व विभाग विदेशी ई-गेमिंग प्लेटफॉर्मों पर नजर रखने और उन्हें जीएसटी के दायरे में लाने के लिए एक अलग व्यवस्था बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है.
कुछ देशों में ऑनलाइन गेम पर कम टैक्स कुछ देशों में भारत के मुकाबले ऑनलाइन गेमिंग पर कम टैक्स है. फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल और पोलैंड जैसे देशों में कॉन्टेस्ट के एंट्री अमाउंट पर टैक्स लगता है, जो GST काउंसिल की ओर से सुझाए फेस वैल्यू फॉर्मूले के जैसा ही है. हालांकि, कर की दरें अलग-अलग हैं. जर्मनी में 5.3 फीसदी, फ्रांस में 11 फीसदी और पौलेंड में 12 फीसदी की दर से टैक्स है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक कंसल्टिंग फर्म से मिले डेटा के हवाले से यह बात कही है. वहीं, ब्रिटेन (UK), सिंगापुर, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू पर टैक्स लगता है.
मानसून सत्र में पेश होगा प्रस्ताव सरकार की कोशिश है कि जीएसटी दरों में संशोधन के मसौदे को मानसूत्र सत्र में पेश किया जाए और उसे पारित कराया जाए. संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त 2023 तक चलेगा.
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