Old vs New tax Regime: 1 अप्रैल 2021 से नया वित्त वर्ष शुरू होगा. मतलब 2021-22. ये शुरू होते ही आपको अपने टैक्स स्ट्रक्चर को जरूर समझना चाहिए. क्योंकि, आपके सामने दो ऑप्शन हैं. नया टैक्स सिस्टम या पुराना सिस्टम, दोनों में से किसी एक को चुनना होगा. पुराने टैक्स सिस्टम में आपको 80C, 80D, HRA समेत कईं तरह के डिडक्शन मिलते हैं, जबकि नए टैक्स सिस्टम में कोई छूट नहीं है. मतलब जितनी कमाई उस पर स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स (Income tax) चुकाना ही होगा. नए टैक्स स्लैब में टैक्स दरें काफी कम हैं. आइए समझते हैं.
क्या है नया टैक्स स्लैब?
इनकम (रुपए) | टैक्स (प्रतिशत) |
2.5 लाख | 0 |
2.5-5 लाख | 5 |
5.-7.5 लाख | 10 |
7.5-10 लाख | 15 |
10-12.5 लाख | 20 |
12.5-15 लाख | 25 |
15 से ज्यादा | 30 |
आपके लिए कौन सा टैक्स सिस्टम स्लैब है फायदेमंद?
अगर आप कनफ्यूज हैं कि कौन सा टैक्स सिस्टम (Income tax new system) बेहतर है तो इसके लिए थोड़ी कैल्कुलेशन की जरूरत है. कैलकुलेशन के बाद जो टैक्स सिस्टम बेहतर लगे उसे चुने. इनकम टैक्स विभाग (Income tax department) के कैल्कुलेटर से पुरानी व्यवस्था के हिसाब से अपनी इनकम पर टैक्स कैलकुलेट करें. फिर नए स्लैब के मुताबिक कैलकुलेट करके देखें. जहां कम टैक्स चुकाना पड़े उसे चुने. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी का एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा टैक्स डिडक्शन है तो उसके लिए पुराना सिस्टम बेहतर है. नए टैक्स स्लैब में उसे फायदा नहीं होगा.
ध्यान रखें नए टैक्स सिस्टम की ये बात
दोनों ही टैक्स सिस्टम (Tax System) में अगर आपकी आय 5 लाख रुपए सालाना से कम है तो आपको 12,500 रुपए की छूट मिलेगी. मतलब 5 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम वाले लोगों को कोई भी टैक्स नहीं चुकाना होगा. नए टैक्स सिस्टम में सीनियर सिटिजन (Senior citizen) या फिर सुपर सीनियर सिटिजन को ज्यादा टैक्स छूट भी नहीं मिलती है, सबके लिए टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए ही है.
पहले किन इंस्ट्रूमेंट पर मिलती है छूट
– हाउसिंग लोन का प्रिसिंपल और ब्याज
– PPF और EPF में निवेश
– डिपॉजिट पर होने वाली ब्याज आय (80TTA)
– FD यानी फिक्सड डिपॉजिट
– बच्चों की ट्यूशन फीस
– नौकरी करने वालों का स्टैंडर्ड डिडक्शन (50 हजार रुपये)
– LTA यानी लीव ट्रैवल अलाउंस
– HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस
– मेडिकल और इंश्योरेंस के खर्च
– 80DD दिव्यांगों के इलाज पर टैक्स छूट
– 80U में दिव्यांगों के खर्चें पर टैक्स छूट
– 80E एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट
– सेक्शन 16-इंटरटेनमेंट अलाउंस
– 80GG मकान के किराए पर छूट
– 80G-डोनेशन (दान पर छूट)
– 80EEB-इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स छूट
नए टैक्स स्लैब में मिलेंगी ये राहत
– किराए पर स्टैंडर्ड डिडक्शन
– खेती से होने वाली आमदनी
– पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज
– बीमा की मैच्योरिटी की रकम
– मृत्यु पर बीमा से मिली रकम
– छंटनी पर मिला मुआवजा
– रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट
– VRS- वॉलेंट्री रिटायरमेंट
– सुकन्या समृद्धि खाते पर मिली रकम
सीनियर सिटीजन को किसमें फायदा
सीनियर सिटीजन अगर विशेष छूट ले रहे तो मौजूदा स्लैब सही है. पेंशन इनकम (Pension income) पर 50 हजार की छूट ले रहें हैं तो मौजूदा स्लैब में रहना ही ठीक है. अगर आप मेडिकल इंश्योरेस, मेडिकल खर्च की छूट ले रहे तो शिफ्ट न करें. 80TTB में 50,000 की छूट ली है तो स्विच न करें.
TDS नए या पुराने तरीके से डिडक्ट होगा
– एम्पलॉई को साल की शुरूआत में स्कीम के बारे में बताना होगा.
– एम्पलॉयर टैक्स स्कीम के हिसाब से TDS कैलकुलेट करेगा.
– नई स्कीम के लिए अभी कोई फॉर्म नोटिफाई नहीं हुआ.
– ITR के साथ चुनी हुई स्कीम की डिक्लरेशन देनी होगी.
मौजूदा छूट का क्या करें
– नई स्कीम चुनते हैं तो मौजूदा निवेश न रोकें
– LIC प्रीमियम, PPF आदि जारी रखें
– नई टैक्स स्कीम में सिर्फ टैक्स रियायत नहीं मिलेगी
– बीमा जीवन की सुरक्षा के लिए जरूरी
– बाकी निवेश अन्य लक्ष्यों के लिए आएगा काम
– हाउसिंग लोन है तो मौजूदा स्कीम कारगर
– हाउसिंग लोन पर अभी 2 लाख तक की छूट
– 10 लाख तक की आय में हाउसिंग लोन की छूट लें
NPS, PF निकासी पर टैक्स लगेगा
– न्यू पेंशन स्कीम रकम निकासी पर कोई टैक्स नहीं
– NPS रकम निकासी पर टैक्स नियम में कोई बदलाव नहीं
– PF निकासी पर भी पुराने ही टैक्स नियम
– NPS, PF निवेश पर नये टैक्स सिस्टम में रियायत नहींcom