ITR फाइल करने वालों की संख्या 10 साल में हुई दोगुनी

सरकार ने 2023-24 के बजट में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर) से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.

ITR फाइल करने वालों की संख्या 10 साल में हुई दोगुनी

आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या पिछले 10 साल में दोगुना से अधिक होकर 7.78 करोड़ पर पहुंच गई है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में 7.78 लाख आयकर रिटर्न भरे गये. यह 2013-14 में भरे गये 3.8 करोड़ आयकर रिटर्न के मुकाबले 104.91 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 2022-23 में 160.52 प्रतिशत बढ़कर 16,63,686 करोड़ रुपये रहा, जो 2013-14 में 6,38,596 करोड़ रुपये था.

सरकार ने 2023-24 के बजट में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर) से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. यह पिछले वित्त वर्ष में जुटाये गये 16.61 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 9.75 प्रतिशत ज्यादा है. सीबीडीटी के आंकड़ों के अनुसार, सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 2022-23 में 173.31 प्रतिशत बढ़कर 19,72,248 करोड़ रुपये रहा, जो कि वित्त वर्ष 2013-14 में 7,21,604 करोड़ रुपये था. इसके साथ, प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात 5.62 प्रतिशत से बढ़कर 6.11 प्रतिशत हो गया. हालांकि, संग्रह लागत बढ़कर 2022-23 में 0.57 प्रतिशत हो गई जो 2013-14 में 0.51 प्रतिशत था.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले कुछ दिन में अंतरिम बजट पेश करेंगी. बजट में खासकर नौकरीपेशा लोगों की नजर मुख्य रूप से आयकर के मोर्चे पर होने वाली घोषणाओं और राहत पर होती है. अर्थशास्त्रियों की राय इस पर अलग-अलग है. कुछ का कहना है कि सरकार आम चुनावों से पहले अगले महीने पेश होने वाले अंतरिम बजट में मानक कटौती की राशि बढ़ाकर आयकरदाताओं को राहत देने के साथ महिलाओं के लिए अलग से कुछ कर छूट दे सकती है. हालांकि, कुछ यह भी मानते हैं कि यह अंतरिम बजट है, ऐसे में आयकर मामले में बदलाव की उम्मीद नहीं है. वित्त मंत्री सीतारमण लोकसभा में एक फरवरी को 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करेंगी. यह उनका छठा बजट है.

सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के चेयरमैन सुदिप्तो मंडल ने कहा कि अंतरिम बजट में नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को आयकर मोर्चे पर कुछ राहत मिल सकती है. मानक कटौती की राशि बढ़ाकर कुछ राहत दिये जाने की उम्मीद है, लेकिन यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि गरीब और निम्न मध्यम वर्ग आयकर नहीं देता है. फिलहाल मानक कटौती के तहत 50,000 रुपये की छूट है.

Published - January 24, 2024, 12:51 IST