स्टॉक मार्केट और घर खरीद पर लगाए जाने वाले टैक्स को लेकर एक ब्रोकर ने सरकार पर सवालिया निशान उठाए हैं. ब्रोकर का कहना है कि वे अपना सबकुछ दांव पर लगाकर जोखिम उठा रहे हैं लेकिन उसका सारा फायदा सरकार को मिल रहा है. इतना ही नहीं उसने सरकार को ‘स्लीपिंग पार्टनर’ और खुद को ‘वर्किंग पार्टनर’ भी बताया. इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेहद मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए कहा, “एक स्लीपिंग पार्टनर यहां बैठकर जवाब नहीं दे सकता है”.
वित्त मंत्री ने ये बात बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में एक ब्रोकर की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहीं. ब्रोकर का कहना है कि उनके जोखिम और निवेश के बावजूद सरकार उनसे ज्यादा पैसा कमा रही है. ब्रोकर्स को जीएसटी, आईजीएसटी, स्टांप ड्यूटीस सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना पड़ता है. वे सबकुछ निवेश करते हैं, भारी जोखिम भी उठा रहे हैं इसके बावजूद सरकार उनका पूरा मुनाफा अपने हिस्से में ले जा रही है. इससे ऐसा लगता है कि सरकार मेरी स्लीपिंग पार्टनर हैं और ब्रोकर अपने फाइनेंस, रिस्क, स्टाफ के साथ वर्किंग पार्टनर की तरह है. ब्रोकर ने इसका सॉल्यूशन वित्त मंत्री से मांगा.
घर खरीद पर टैक्स का उठा मुद्दा
स्टॉक मार्केट के अलावा ब्रोकर ने मुंबई में घर खरीदने पर लगने वाले भारी भरकम टैक्स का मुद्दा भी उठाया. उसने कहा कि उसे स्टांप ड्यूटी और जीएसटी के रूप में 11 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. मुंबई जैसे शहर में अगर कोई मकान लेता है तो उन्हें 11 फीसद अमाउंट अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है. इस मसले के हल को लेकर ब्रोकर ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा और कहा कि सीमित संसाधनों वाले आदमी की मदद के लिए सरकार के पास क्या योजना है.