नए IT पोर्टल में आ रही तमाम दिक्कतों में से एक इसमें पुराने IT रिटर्न की उपलब्धता है. इसके चलते लोगों को होम लोन के लिए एप्लाई करने या कारोबारियों को कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने में मुश्किल हो सकती है. इनकम टैक्स एक्सपर्ट इस बात का जिक्र कर रहे हैं.
टैक्स कंसल्टेंसी फर्म धर एंड बसु के पार्टनर तापस चक्रवर्ती कहते हैं, “पुराने IT रिकॉर्ड्स नए पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हैं. इससे होम लोन के लिए एप्लाई करने वाले आम लोगों के लिए मुश्किलें हो सकती हैं. बैंक और वित्तीय संस्थान कंस्टमर्स से तीन साल के IT रिटर्न मांगते हैं.”
कारोबारियों के लिए मुश्किल
चक्रवर्ती कहते हैं कि इससे भी बड़ी मुश्किल कारोबारियों के लिए होने वाली है जो कि टेंडर्स और कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए एप्लाई करते हैं.
वे कहते हैं, “कारोबारियों को तीन साल के इनकम टैक्स रिटर्न अक्सर जमा करने होते हैं. इन सभी कॉन्ट्रैक्ट्स की डेडलाइन होती है. ऐसे में कई कारोबारियों को IT पोर्टल में इस दिक्कत से नुकसान उठाना पड़ सकता है.”
पुरानी साइट जारी रहनी चाहिए थी
एक और इनकम टैक्स एक्सपर्ट सौम्यदीप्त दास कहते हैं कि इस पोर्टल को डिजाइन करने वाली कंपनी इंफोसिस को पुरानी साइट को भी तब तक जीवित रखना चाहिए था जब तक कि नया पोर्टल सही तरीके से काम करना शुरू न कर देता.
चक्रवर्ती कहते हैं, “अगर आप पुराने पोर्टल पर लॉगइन करेंगे तो ये आपको नए पोर्टल पर ले जाएगा जहां कई तरह की मुश्किलों से आपका सामना होगा.”
मनी9 ने जिन नए टैक्स पोर्टल के लॉन्च होने के बाद से अब तक जिन आधा दर्जन टैक्स एक्सपर्ट्स से बात की है उनमें से सभी ने कहा है कि इस पोर्टल में तमाम दिक्कतें हैं और उन्हें नहीं पता कि इन्हें कब तक ठीक किया जा सकेगा.
सुस्त
एक अन्य टैक्स एक्सपर्ट मनाजीत बनर्जी कहते हैं कि नया पोर्टल सुस्त हो गया है. बनर्जी कहते हैं, “पेज हैंग हो रहे हैं और पुराना डेटा उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, इसमें कुछ ऐसे फीचर्स दिए गए हैं जिनसे ये कनफ्यूजन पैदा हो रहा है. खासतौर पर कई सीनियर सिटीजंस के लिए फॉर्म 26AS हासिल करना मुश्किल हो गया है.”
विदेशी रेमिटेंस
दास कहते हैं कि फॉरेन रेमिटेंस के लिए फॉर्म 15CB लिंक के जरिए नहीं खुल रहा है. दास कहते हैं, “यूजर्स के लिए एक मैनुअल होना चाहिए ताकि वे आसानी से काम कर सकें.”
लॉ फर्म बी के दास के प्रॉपराइटर कुमारजीत दास कहते हैं कि रविवार तक तो वे पोर्टल खोल भी नहीं पा रहे थे.
गुजरे करीब 3 दशक से IT कानूनों की प्रैक्टिस कर रहे प्रशांत मुखर्जी कहते हैं कि पुराना पोर्टल एक झटके में खुलता था, लेकिन नए पोर्टल में आपको कुछ मिनट इंतजार करना पड़ता है और कई दफा इसके बावजूद ये नहीं खुलता है.
फेसलेस की दिक्कतें
इसके अलावा, फेसलेस कार्यवाही के सेक्शन में भी दिक्कतें आ रही हैं. फेसलेस अपील की सुविधा दी गई है ताकि लोगों को व्यक्तिगत रूप से न जाना पड़े.
चक्रवर्ती कहते हैं कि ये सेक्शन भी काम नहीं कर रहा है. इस सेक्शन पर आपको लिखा हुआ मिलता है, “ये फीचर्स जल्द ही उपलब्ध होगा.”
वित्त मंत्री की टिप्पणी और इंफोसिस का जवाब
नए बहुप्रतीक्षित पोर्टल में कई तरह की दिक्कतें देखते हुए केंद्र सरकार भी असहज है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बारे में 8 जून को ट्वीट करके अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं.
इसके बाद इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि कंपनी इन दिक्कतों पर काम कर रही है और जल्द ही इन्हें ठीक कर लिया जाएगा.
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