दुनियाभर में ख्याति पा चुकी भारत के आईटी इंडस्ट्री के लिए अपने ही घर में साख बचाने की समस्या आ गई है. इनकम टैक्स के नए पोर्टल (New Income Tax Portal) पर टेक्निकल दिक्कतें कई सवाल खड़े कर रही हैं. जो इनपर काम कर रहे हैं वे उसे शुरुआती दिक्कतें बताएंगे. लेकिन ध्यान रहे कि नागरिकों को सही सर्विस मिलना जरूरी है. इनकम टैक्स की वेबसाइट को जल्द से जल्द दुरुस्त करना होगा. इन स्वदेशी आईटी कंपनियों को क्वालिटी पर गौर करने की जरूरत है – जैसी सर्विस ग्लोबल क्लाइंट्स को दी जाती है वैसी ही सरकारी कॉन्ट्रैक्ट को भी मिले.
भारत के नागरिकों ने जाना है कि दिग्गज आईटी कंपनियों ने कैसे पासपोर्ट जारी करने की प्रणाली में बड़ा बदलाव लाया है. साथ ही, जीएसटी के बैकेंड में भी शुरुआती दिक्कतों के बाद से स्थिरता रही और ये भी एक सफल प्रयोग बनकर बड़ा आर्थिक रिफॉर्म साबित हुआ है.
पिछले कई दशकों से प्राइवेट सेक्टर ने सफलता से सरकारी सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट पर काम किया है – 1980 के दशक में रेलवे टिकट बुकिंग सिस्टम का कंप्यूटराइजेशन इसी का एक उदाहरण है. वही, कोविन प्लैटफॉर्म भी जहां करोड़ों लोग कोविड-19 टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, वो भी एक सफल प्रोजेक्ट बनकर उभरा है.
लेकिन, इनकम टैक्स के नए पोर्टल (New Income Tax Portal) पर आ रही दिक्कतों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है क्योंकि ये टैक्स से जुड़ा मसला है और कई व्यापारियों पर साइट के ना चलने से दिक्कतें आ रही हैं. ऐसी शिकायते रही हैं कि कुछ फॉर्म अपलोड नहीं हो रहे हैं जिससे रेमिटेंस पर असर पड़ रहा है. कई लोगों ने ये भी कहा है कि पासवर्ड बदलने जैसी सुविधा भी 5 दिनों तक उपलब्ध नहीं थी.
जरूरत है कि जल्द से जल्द नए पोर्टल की दिक्कतों को दूर किया जाए. ध्यान रहे कि टैक्स भरने की प्रक्रिया काफी डायनेमिक है और इसमें ढिलाई नहीं चलेगी. आम लोगों की ओर से भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने में तेजी की उम्मीद है और ऐसे में अगर वेबसाइट शत प्रतिशत क्षमता पर काम नहीं करेगी तो इससे सालों में कमाई साख पर असर पड़ेगा.
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