जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों का असर आपकी जेब पर भी पड़ने वाला है. ताजा फैसले के बाद सभी मल्टी यूटिलिटी व्हीकल (MUV) और स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन (SUV) पर अब 22 फीसद कम्पनसेशन सेस लगेगा. पहले यह 20 फीसद था. इसका मतलब यह है कि भले ही आपका वाहन एसयूवी हो या एमयूवी आपको 28% जीएसटी के अलावा 22 फीसद उपकर का भुगतान करना होगा. सेडान को इस सेस के दायरे से बाहर रखा गया है.
कितनी बढ़ेंगी कीमतें?
वर्ष 2017 में SUV पर 22 फीसद सेस अधिसूचित किया गया था लेकिन कुछ एमयूवी पर अभी भी 20 फीसद सेस लगता था. ऐसा इसलिए था क्योंकि किसी भी कार को एसयूवी के रूप में मान्यता देने की शर्तों में से एक शर्त यह थी कि इसे लोकप्रिय बोलचाल में SUV के रूप में जाना जाना चाहिए. इसे अब ख़त्म कर दिया गया है. कर ढांचे में इस बदलाव के बाद विशेषज्ञ एमयूवी की कीमत में 2% बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे हैं.
एसयूवी भारत की जीएसटी सूची में सबसे अधिक कर वाली वस्तुओं में से एक है, जिस पर 28% जीएसटी और 22% कम्पनसेशन सेस लगता है. यदि आपकी कार निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करती है, तो इसे अब एसयूवी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.
गाड़ी की लंबाई 4 मीटर या उससे अधिक हो
इसकी इंजन क्षमता 1,500cc या उससे अधिक है
170 मिमी या उससे अधिक का अनलैडेन ग्राउंड क्लीयरेंस है.
कोई बड़े प्रभाव की आशा नहीं है
KIA, मारुति, महिंद्रा और टोयोटा की बनाई हुई 10 MUV की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी जा सकती है. लेकिन इस घोषणा से ऑटो उद्योग में ज्यादा हलचल नहीं हुई है, यह देखते हुए कि भारत में कुल यूटिलिटी व्हीकल की बिक्री में एमपीवी की हिस्सेदारी 15 फीसद से भी कम है. इसके अलावा, टोयोटा इनोवा को छोड़कर, इनमें से अधिकांश एमयूवी की घरेलू बिक्री की ग्रोथ में गिरावट दर्ज हुई है.
उदाहरण के तौर पर वित्त वर्ष 2023 में कुल यूटिलिटी वाहन बिक्री में एमयूवी श्रेणी में अर्टिगा, क्रिस्टा और कैरेंस की हिस्सेदारी केवल 12.65% है. SIAM के डेटा से पता चलता है कि अप्रैल 2023 में 20,03,718 यूटिलिटी वाहन बेचे गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 फीसद अधिक है.